10 जनवरी को करें ये उपाय, बढ़ेगा शारीरिक बल व सांसारिक संबंध होंगे मजबूत
punjabkesari.in Tuesday, Jan 09, 2018 - 01:25 PM (IST)
कल बुधवार दि॰ 10.01.18 को माघ कृष्ण नवमी व स्वाति नक्षत से बने धृति योग के कारण विष्णु के 24 अवतारों में 8वें अवतार ऋषभदेव का पूजन श्रेष्ठ रहेगा। श्रीमद्भागवत में अर्हन् राजन रूप में इनका विशेष वर्णन है। पौराणिक साहित्य में इनका आदर पूर्वक संस्तवन प्रस्तुत है। श्रीमद्भागवत के पंचम स्कंद अनुसार मनु के पुत्र प्रियव्रत के पुत्र आग्नीध्र के पुत्र राजा नाभि थे। नाभि संतानहीन थे। पुत्र प्राप्ति हेतु नाभि ने पत्नी मेरुदेवी संग श्रीहरि के निमित पुत्र कामना यज्ञ किया। यज्ञ से प्रसन्न विष्णु ने प्रकट होकर नाभि को वर दिया। श्रीहरि ने नाभि पुत्र रूप में ऋषभ अवतार लिया। अत्यंत सुंदर सुगठित शरीर, कीर्ति, तेल, बल, ऐश्वर्य, पराक्रम व शूरवीरता आदि गुणों को देखकर महाराज नाभि ने पुत्र का नाम ऋषभ अर्थात श्रेष्ठ रखा। भागवतपुराण के अनुसार ऋषभदेव का विवाह इंद्र की पुत्री जयन्ती से हुआ। ऋषभदेव जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ कहलाए। इन्होंने जन्म मरण के चक्र से मोक्ष तक तीर्थ की रचना की। विष्णु अवतार ऋषभदेव के पूजन से दंपत्ति को संतानहीता से मुक्ति मिलती है, शारीरिक बल में वृद्धि होती है व सांसारिक संबंध मजबूत होते हैं।
पूजन विधि: प्रातः काल घर के ईशान कोण में हरा वस्त्र बिछाकर, जल भरे कांसे के कलश में हरे मूंग के 8 दाने डालकर व कलश पर नारियल रखकर विष्णु अवतार ऋषभदेव की स्थापना कर विधिवत पूजन करें। कांसे के दिये गौघृत का दीप करें, सुगंधित धूप करें, चंदन से तिलक करें, तुलसी व मिश्री अर्पित करें व तिल मिश्रित मूंग की खिचड़ी का भोग लगाएं। किसी माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन उपरांत भोग प्रसाद स्वरूप वितरित करें।
पूजन मुहूर्त: प्रातः 09:30 से प्रातः 10:30 तक।
पूजन मंत्र: ॐ ऋषभाय नमः॥
उपाय
शारीरिक बल में वृद्धि हेतु ऋषभदेव पर चढ़े पिस्ते का नित्य सेवन करें।
संतानहीता से मुक्ति हेतु 5 मौसम्बी नाभि क्षेत्र से वारकर विष्णु मंदिर में चढ़ाएं।
सांसारिक संबंध मजबूत करने हेतु ऋषभदेव पर चढ़ी मौली भुजा पर बांधें।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Chanakya Niti: श्मशान घाट की तरह होते हैं ऐसे घर, नहीं रहती इनमें खुशियां