कार्तिक माह के आखिरी सोमवार पर्स-गल्ले में रखें ये चीज, भरा रहेगा खजाना

punjabkesari.in Sunday, Oct 29, 2017 - 10:13 AM (IST)

वेद जिनका अंश मात्र हैं। जो अपनी ही लीला से सबसे सरल और भोले बनकर पृथ्वी से जुड़े रहते हैं वही हैं आम जनमानस के भोले नाथ। शास्त्रों में कई जगह ऐसा व्याख्यान आता है की संसार का मूल तत्व एकमात्र शिव हैं। शिव महापुराण के अनुसार ऐसे अनेक व्याख्यान मिलते हैं जहां पर संसार के मूल तत्वों को एकमात्र लिंग के रूप में प्रस्तुत किया गया है। वेद अनुसार संपूर्ण ब्रह्मांड लिंग और योनि से रचित हुआ है। लिंग के रूप में स्वयं ब्रह्म पुरूष शंकर को बताया गया है तथा प्रकृति के रूप में आद्य शक्ति जगत धात्री को बताया गया है। देवी भागवतम के अनुसार मूल प्रकृति ने भी अपने सहभागी के रूप में आदि देव महादेव को चुना। 


वास्तविकता में शिव निराकार निरमूल हैं तथा शंकर उस निराकार निरमूल का साकार विग्रह हैं। इन्हीं को संसार का सार कहा जाता है। संसार के एकमात्र होने के कारण यह ही हैं। शिव के साकार रूप के पूजन से सभी संसारिक इच्छाएं पूरी होती हैं। कार्तिक माह का आखिर का सोमवार शिव पूजन हेतू सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन सोमवार के साथ-साथ धनिष्ठा नक्षत्र होने से सिद्धयोग बनता है। जो सिद्धियों को प्राप्त करने हेतू सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन विशेष उपाय और पूजन से सर्वमनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।


इन उपायों से संसार के सार भगवान शंकर को करें प्रसन्न, भरा रहेगा खजाना-

शिवलिंग का विधि-विधान से पूजन करके चावल चढ़ाकर दुकान के गल्ले अथवा घर की तिजोरी में रखें। इससे कभी धन की कमी नहीं होगी।


अच्छी सेहत के लिए शिवलिंग पर शतावरी चढ़ाकर स्नान करें। 


चांदी का सिक्का शिवलिंग पर चढ़ाकर पर्स में रखें।


इनमें से कोई भी उपाय करते समय इस मंत्र का जाप करते रहें।


मंत्र: ॐ ह्रीं नम: शिवाय ह्रीं 


विशेष- 30 अक्तूबर को भद्रा 17:56 से लेकर अगले दिन प्रातः 07:06 तक रहेगी। जिसमें शुभकार्य वर्जित माने गए हैं। इस दौरान ऊपर लिखा कोई भी उपाय न करें।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 


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