इस शहर में हुआ था त्रि देवियों का आवाहन, आज भी होता है पूजन

punjabkesari.in Saturday, Jul 01, 2017 - 12:58 PM (IST)

जयपुर में तीन चौपड़ हैं। इन चौपड़ो पर मां दुर्गा, महालक्ष्मी अौर देवी सरस्वती के यंत्र स्थापित किए गए हैं। मां सरस्वती का यंत्र छोटी चौपड़ पर स्थापित कर पुरानी बस्ती में सरस्वती के पुजारी विद्वानों को बसाया गया। रामगंज चौपड़ पर मां दुर्गा का यंत्र स्थापित कर उस क्षेत्र में योद्धाअों को बसाया। वहीं बड़ा चौपड़ में महालक्ष्मी का यंत्र स्थापित कर देवी लक्ष्मी का शिखरबंध मंदिर बनवाया गया। जिसका नाम माणक चौक रखा। 

कहा जाता है कि जयपुर की स्थापना के समय महाराजा जयसिंह ने एक मीणा सरदार भवानी राम मीणा को आमेर रियासत के शश्यावास, कुंडा सहित 12 गांवों का जागीरदार बनाकर जयगढ़ के खजाने की रक्षा की जिम्मेदारी सौंपी। भवानीराम की पुत्री बीचू बाई में माणक चौक चौपड़ पर बने लक्ष्मीनारायण मंदिर बनवाने में सहयोग दिया। उसके बाद माता मक्ष्मी का विशेष अनुष्ठान करने के बाद मंदिर में विराजमान किया गया। 

मंदिर में स्थापित प्रतिमा एक ही शिला में बनी है। इसमें भगवान लक्ष्मीनारायण के वाम भाग में महालक्ष्मी जी विराजमान हैं। मंदिर की रक्षा के लिए गरुड़ देवता के अतिरिक्त जय विजय नामक द्वारपाल खड़े हैं। मंदिर में नंदी पर सवार माता पार्वती के साथ भगवान शिव का दुर्लभ विग्रह है। 


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