कामिका (कामदा) एकादशी: 19-20 जुलाई पुण्य फल प्राप्ति के लिए कब करें व्रत

punjabkesari.in Wednesday, Jul 19, 2017 - 06:35 AM (IST)

शास्त्रों के अनुसार सावन मास में किए गए किसी भी धर्म-कर्म एवं व्रत आदि का फल हजारों गुणा अधिक होकर मनुष्य को मिलता है। एकादशी भगवान को अति प्रिय है इसलिए इस व्रत से प्रसन्न होकर वह अपने भक्तों पर अपार कृपा करते हैं। वैसे तो प्रभु सदा अपने भक्त के भाव को देखते हैं, वह भक्त की धन-दौलत नहीं बल्कि उसकी निष्काम भक्ति पर रीझते हैं और बिना मांगे ही उस पर अपनी पूरी कृपा न्यौछावर कर देते हैं। यदि कोई मनुष्य किसी विशेष कामना से प्रभु का व्रत करता है, भगवान उसकी वह इच्छा भी तुरंत पूरी कर देते हैं। पाप रुपी कीचड़ से भरे समुद्र में डूबे हुए प्राणियों को तारने के लिए यह व्रत श्रेष्ठ नाव है। गंगा, काशी, नैमिषारण्य एवं पुष्कर तीर्थ पर किए जाने वाले स्नान एवं पूजन से मिलने वाले दुर्लभ फल की प्राप्ति इस व्रत से होती है। पृथ्वी और दूध देने वाली गाय को आभूषणों सहित सजाकर दान करने के समान इस व्रत का पुण्य फल है। 2017 में कामिका (कामदा) एकादशी व्रत दो दिन पड़ रहा है। आईए जानें क्यों है दो दिन एकादशी- 


पंजाब केसरी के पंडित श्री कमल नंद लाल जी के अनुसार, साल 2017 में कामिका एकादशी तिथि बुधवार दिनांक 19.07.2017 को प्रातः 07:25 प्रारंभ होकर गुरुवार दिनांक 20.07.2017 को प्रातः 04:27 तक रहेगी। इसी लिए शैव समुदाय बुधवार दिनांक 19.07.2017 को कामिका एकादशी का पर्व मनाएगे। तथा शैव मतानुसार कामिका एकादशी के व्रत के पारण का समय गुरुवार दिनांक 20.07.2017 दोपहर 13:48 से शाम 16:31 तक रहेगा। वैष्णव मतानुसार कामिका एकादशी का व्रत गुरुवार दिनांक 20.07.2017 को रखा जाएगा, तथा वैष्णव मतानुसार कामिका एकादशी के व्रत का पारण शुक्रवार दिनांक 21.07.2017 को प्रातः 05:40 से सुबह 08:23 तक रहेगा।


धर्मसिंधू के अनुसार एकादशी दो प्रकार की होती है ‘विद्घा’ और ‘शूद्घा’, जो एकादशी दशमीं तिथि से युक्त होती है वह विद्घा और जो सूर्यकालिक द्वादशी तिथि युक्त होती है वह शुद्घा कहलाती है। इसी तरह स्मार्त लोग विद्घा एकादशी का व्रत करते हैं जो 19 जुलाई को है तथा वैष्णव शुद्घा एकादशी का व्रत करते हैं जो 20 जुलाई को है। एकादशी चाहे कोई भी हो परंतु फल दोनों का बराबर है क्योंकि भगवान को तो दोनों ही प्रिय है।


वीना जोशी
veenajoshi23@gmail.com


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