Bhoot Chaturdashi: भूत चतुर्दशी पर आधी रात को करें ये उपाय, शनि सदा रहेंगे सहाय

punjabkesari.in Wednesday, Nov 08, 2023 - 07:50 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Kali Chaudas 2023: शनिवार दिनांक 11.11.2023 को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के उपलक्ष्य में काली चौदस और भूत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। दिवाली के पंच दिवस उत्सव का यह दूसरा दिन है। पूर्वी भारत में काली चौदस का पर्व मूल प्रकृति देवी पार्वती के काली स्वरूप अर्थात आद्या काली के प्रकटोत्सव के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर आद्या काली के पूजन का विशेष महत्व है। काली शब्द काल का प्रतीक है। काल का अर्थ होता है समय या मृत्यु और इसी कारण से उन्हें काली कहा जाता है। तंत्र शास्त्र के साधक महाकाली की साधना को सर्वाधिक प्रभावशाली मानते हैं तथा यह साधना हर कार्य का तुरंत परिणाम देती है। निपुण साधकों को इस शक्तिशाली साधना से अष्ट सिद्धियों की प्राप्ति होती है। काली चौदस पर्व पर महाकाली के विशेष पूजन और उपाय करने से लंबे समय से चल रही बीमारियां दूर होती है। काले जादू के बुरे प्रभाव से छुटकारा मिलता है, बुरी आत्माओं के छाया से मुक्ति मिलती है। कर्ज से मुक्ति मिलती है। बिजनैस की परेशानियां दूर होती हैं। दांपत्य जीवन से तनाव दूर होता हैं। यही नहीं काली चौदस के विशेष पूजन और उपाय करने से शनि ग्रह के दोष व प्रकोप से भी मुक्ति मिलती है। 

PunjabKesari Bhoot Chaturdashi

Mythological context of Kali Chaudas काली चौदस का पौराणिक संदर्भ: तंत्रशास्त्र के अनुसार महाकाली दस महाविद्याओं में प्रथम व समस्त देवताओं द्वारा पूजनीय व अनंत सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं। कालिका पुराण में महामाया को ही काली बताया गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार मधु व कैटभ के नाश हेतु ब्रह्मदेव के प्रार्थना करने पर महादेवी मोहिनी महामाया शक्ति के रूप में प्रकट होती हैं। महामाया भगवान श्री हरि के नेत्र, मुख, नासिका व बाजू आदि से निकल कर ब्रह्मदेव के सामने आ जाती हैं। महाकाली दुष्टों के संहार के लिए प्रकट होती हैं व दैत्यों का संहार करती हैं। महाकाल शिव की शक्ति महाकाली ही है तथा प्रलय उनकी प्रतिष्ठा है। शक्ति व शिव अभेद हैं तथा यहीं अर्द्धनारीश्वर उपासना का रहस्य भी है। सृष्टि से पूर्व मात्र काल व काली ही अस्तित्व में थे।

आज का राशिफल 8 नवंबर, 2023- सभी मूलांक वालों के लिए कैसा रहेगा  

लव राशिफल 8 नवंबर- छुप न सकेगा इश्क हमारा चारों तरफ है उनका नजारा

Tarot Card Rashifal (8th november): टैरो कार्ड्स से करें अपने भविष्य के दर्शन

दिवाली से पहले घर में लगाएं ये पौधा, भाग जाएगी नकारात्मक शक्तियां

Yam Chaturdashi: ऐसे हुआ यमराज के लिए दीपक जलाने की परंपरा का आरंभ, पढ़ें कथा

आगम शास्त्र में इन्हें ही प्रथमा कहा गया है। महाकाली का मूलरूप अर्द्धरात्रि और प्रलय के समान है। सर्वथा नग्न रूप में श्मशानवासिनी महादेवी शव पर सवार चतुर्भुजी माहकाली को संहार मुद्रा में चित्रित किया गया है। पापियों के नाश करने हेतु इनके एक हाथ में खडग, दूसरे में वर, तीसरे में अभय मुद्रा तथा चौथे हाथ में कटा हुआ मस्तक है। इनके गले में मुण्डमाला है तथा जिह्वा बाहर निकली है। 

PunjabKesari Bhoot Chaturdashi

Astrological context of Kali Chaudas काली चौदस का ज्योतिषीय संदर्भ: शनि दोष से व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां आती हैं। यह परेशानियां अधिकतर शनि महादशा या अंतर्दशा, शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या या शनि की दृष्टि के कारण आती हैं। यमतंत्र भी काली चौदस की रात्रि में दस महाविद्या के अंतर्गत महाकाली पूजा करने की सलाह देता है। शनि पीड़ा से ग्रस्त लोगों को काली चौदस के दिन महाकाली पूजा करनी चाहिए। इस पूजन से शनि दोषों के प्रभाव, अकारण मृत्यु, जादू-टोना तथा बुरी आत्माओं आदि के प्रभाव से बचा जा सकता है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार काली चौदस का पूजन अर्धरात्रि में किया जाता है। 

PunjabKesari Bhoot Chaturdashi
Kali Chaudas shubh muhurat काली चौदस शुभ मुहूर्त- 11:40 पी.एम से 12 नवम्बर 12:34 ए.एम तक
अवधि - 00 घण्टे 53 मिनट

हनुमान पूजा शनिवार 11 नवम्बर 2023 को होगी। चतुर्दशी तिथि का प्रारम्भ 11 नवम्बर 2023 को 01:57 पी.एम पर होगा। चतुर्दशी तिथि का समापन नवम्बर 12 नवम्बर 2023 को 02:44 पी.एम पर होगा।

Kali Chaudas puja काली चौदस पूजा- रात्रि में आद्या काली का विधिवत पूजन करें। सरसों के तेल का दीप करें, काजल से तिलक करें, लोहबान से धूप करें, बरगद का पत्ता चढ़ाएं। इमरती का भोग लगाएं तथा नारियल सिर से 7 बार वारकर समर्पित करें। पूजन के बाद इमरती चौराहे पर रखें।

Kali Chaudas Puja Mantra काली चौदस पूजा मंत्र: कालिकायै च विद्महे श्मशानवासिन्यै धीमहि तन्नो अघोरा प्रचोदयात्॥

PunjabKesari Bhoot Chaturdashi


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News