गलती होने पर खुद को कोसना नहीं होता ठीक

punjabkesari.in Thursday, Mar 08, 2018 - 06:02 PM (IST)

बुद्ध एक गांव में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हर किसी को धरती माता की तरह सहनशील व क्षमाशील होना चाहिए। गुस्सा ऐसी आग है जिसमें गुस्सा करने वाला दूसरोँ को जलाएगा व खुद भी जल जाएगा। सभा में सभी शांति से बुद्ध की बातें सुन रहे थे, लेकिन वहां स्वभाव से बहुत गुस्सैल एक ऐसा व्यक्ति भी बैठा हुआ था जिसे ये सारी बातें बेतुकी लग रही थीं। वह कुछ देर ये सब सुनता रहा फिर अचानक ही आग- बबूला होकर बोलने लगा, “तुम पाखंडी हो। बड़ी-बड़ी बाते करना यही तुम्हारा काम है।


तुम लोगों को भ्रमित कर रहे हो, तुम्हारी ये बातें आज के समय में कोई मायने नहीं रखतीं। ऐसी बातें सुनकर भी बुद्ध शांत रहे, वे इन बातोँ से ना तो वह दुखी हुए, ना ही कोई प्रतिक्रिया की। यह देखकर वह व्यक्ति और भी क्रोधित हो गया और उसने बुद्ध के मुंह पर थूक कर वहां से चला गया। अगले दिन जब उस व्यक्ति का गुस्सा शांत हुआ तो उसे अपने बुरे व्यवहार के कारण पछतावा हुआ। वह बुद्ध को ढूंढते हुए उसी स्थान पर पहुंचा। पर बुद्ध तब तक अपने शिष्यों के साथ पास वाले एक दूसरे गांव निकल चुके थे।


व्यक्ति ने बुद्ध के बारे में लोगों से पुछा और ढूंढते- ढूंढते जहां बुद्ध प्रवचन दे रहे थे वहां पहुंच गया। उन्हें देखते ही वह उनके चरणो में गिर पड़ा और बोला , मुझे क्षमा कीजिए प्रभु। बुद्ध ने पूछा , कौन हो भाई , तुम्हे क्या हुआ है, क्यों माफी मांग रहे हो। उसने कहा क्या आप भूल गए। मै वही हूं जिसने कल आपके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया था। मै शर्मिंदा हूं, मै मेरे बुरे व्यवहार के लिए माफी मांगने आया हूं।


भगवान बुद्ध ने प्रेम से कहा , बीता हुआ कल तो मैं वहीँ छोड़कर आ गया और तुम अभी भी वहीँ अटके हुए हो। तुम्हे अपनी गलती का अहसास हो गया, तुमने पश्चाताप कर लिया, तुम निर्मल हो चुके हो। अब तुम आज में प्रवेश करो, बुरी बाते व बुरी घटनाएं याद करते रहने से वर्तमान और भविष्य दोनों बिगड़ते जाते है। बीते हुए कल के कारण आज को मत बिगाड़ो। उस व्यक्ति का सारा बोझ उतर गया. उसने भगवान बुद्ध के चरणों में पड़कर संकल्प लिया की कभी बिना बात के गुस्सा नहीं करेगा।
 


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