Hug Day: एक जादू की झप्पी तनाव और रोग भगाए

punjabkesari.in Sunday, Feb 11, 2018 - 11:59 AM (IST)

वेलेंटाइन वीक के छठे दिन को हग डे के रूप में मनाया जाता है। सनातन धर्म में भी गले लगाकर दूसरों के प्रति लगाव महसूस करवाना बताया गया है। कृष्ण और सुदामा की मित्रता के बारे में तो सभी जानते हैं। गरीबी से जूझते सुदामा जब द्वारका में श्री कृष्ण को मिलने गए तो उनके दरबार के बाहर पहुंचने पर श्री कृष्ण को उनके आने का आभास हो गया था। ऐसा कुछ विद्वान कहते हैं। महल के बाहर खड़े दरबान ने सुदामा को द्वारका आने का कारण पूछा। 


इस पर सुदामा ने कहा," श्री कृष्ण मेरे बचपन के सखा हैं, मैं उनसे मिलना चाहता हूं।" 


दरबान ने उसकी गरीबी को आंकते हुए उसे नजरअंदाज किया। सुदामा के 3-4 बार विनती करने पर दरबान को उस पर दया आ गई। उसने श्री कृष्ण तक सुदामा के आने की खबर पहुंचाई। अपने मित्र के आने की खबर मिलते ही प्रभु नंगे पैर दौड़े-दौड़े महल के द्वार तक आए और सुदामा को गले से लगा लिया। आदरपूर्वक सुदामा को महल के भीतर लाकर अपने सिंहासन पर बैठाकर, अपने आंसुओं से उनके पैर धोएं।


श्री कृष्ण का सुदामा को गले लगाना इस बात का संदेश देता है की किसी भी तरह का दुख होने पर यदि हम किसी को गले लगाते हैं तो हमारा मानसिक तनाव कम होता है।  इससे बहुत सी तकलीफे दूर की जा सकती हैं। हग करने के साथ ही इसमें टच थेरेपी का अनुभव होता है। जिससे शरीर में ऑक्सिटॉक्सिन और सैर टॉक्सिन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ता है। जिससे तनाव कम होता है। शरीर में होने वाले कई तरह के बुरे प्रभावों और रोगों को एक जादू की झप्पी से ठीक किया जा सकता है।


टच हग के स्पर्श को महसूस कर दिमाग को सकारात्मक ऊर्जा भेजता है। खासतौर से तब जब एक बच्चा रो रहा होता है, उसकी मां का उसे हग करना सुरक्षा प्रदान करता है।
इससे सहानूभुति का एहसास बढ़ता है, जिससे सामने वाला खुद को प्यार कर पाने में सक्षम होता है। इस थेरेपी से मरीजो को दिमागी सकून भी मिलता है। जिन लोगों को प्यार की जरूरत होती है उन्हें अपनत्व से भरा हग चरम सुख का एहसास करवाता है। 

शीतल जोशी
joshisheetal25@gmail.com


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