ये मंत्र करेगा सास की बोलती बंद, बहू करेगी राज

punjabkesari.in Friday, Jun 16, 2017 - 10:48 AM (IST)

किसी गांव में सास-बहू रहती थीं। उनके बीच छोटी-छोटी बातों पर अक्सर झगड़ा होता रहता था। सास किसी न किसी बहाने बहू को खूब खरी-खोटी सुनाती रहती और बहू भी पलटकर सास को अपशब्द बोलती। उन दोनों के झगड़ों से उनके परिजन ही नहीं, आस-पास रहने वाले लोग भी परेशान थे। सबने उन दोनों को खूब समझाया कि जब एक ही घर में रहना है तो शांतिपूर्वक रहें लेकिन उन पर कोई असर नहीं होता।


एक दिन गांव में एक संत पधारे। उनकी ख्याति सुनकर बहू भी संत से मिलने पहुंच गई। संत ने जब उसकी समस्या पूछी तो बहू बोली, ‘‘महात्मन, मैं अपनी सास से बेहद परेशान हूं। वह जब तब मुझे उल्टा-सीधा बोलती रहती है। आप मुझे कोई ऐसा मंत्र दीजिए या ऐसा उपाय बताइए, जिससे मेरी सास की बोलती बंद हो जाए। 


इस पर संत ने एक कागज पर कुछ लिखा और उसे बहू के हाथ में पकड़ाते हुए कहा, ‘‘तुम यह मंत्र ले जाओ। जब तुम्हारी सास तुमसे गाली-गलौच करे तो इस मंत्र को दांतों के बीच कसकर भींच लेना। पर ध्यान रहे, इसे कुछ देर तक लगातार भींचे रहना है। अगर ऐसा नहीं किया तो यह मंत्र असर नहीं करेगा।’’ बहू वह कागज की पुडिय़ा लेकर चली गई।


अगले दिन जब सास ने किसी बात पर बहू को खरी-खोटी सुनाना शुरू किया तो उसने संत के कहे अनुसार मंत्र लिखे कागज की पुडिय़ा निकाली और उसे दांतों के बीच कसकर भींच लिया। ऐसे में बहू सास की बात का जवाब देने की स्थिति में नहीं थी। सास कुछ देर बड़बड़ाती रही, फिर शांत हो गई। यह सिलसिला दो-तीन दिन चलता रहा। एक दिन सास ने प्रेमपूर्वक बहू से कहा, ‘‘लगता है अब तुम सुधर गई हो, जो मुझे पलटकर जवाब नहीं देती। अब मैं भी तुमसे प्रेम से ही बात किया करूंगी।’’


बहू बहुत खुश हो गई। अगले दिन बहू ने जाकर संत से कहा, ‘‘गुरु जी, आपका मंत्र काफी कारगर रहा। कृपया बताएं कि आपने कौन-सा मंत्र दिया था?’’ 


संत ने कहा, ‘‘यह मंत्र का नहीं, मौन का असर है। तुमने सास को पलटकर जवाब नहीं दिया, इसलिए बात धीरे-धीरे शांत हो गई।’’ 


यह सुनकर बहू को अपनी भूल समझ में आ गई और उसने शांतिपूर्वक रहने का प्रण लिया।


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