मंगलवार से दीपोत्सव आरंभ, जानें पांच दिनों में बनने वाले शुभ मुहूर्त और योग

punjabkesari.in Friday, Oct 13, 2017 - 09:18 AM (IST)

मंगलवार धनतेरस पर भगवान धनवन्तरि के पूजन के साथ पांच दिन तक चलने वाले अंधकार पर प्रकाश की विजय के प्रतीक दीपावली महापर्व का आरंभ हो जाएगा। जानें पांच दिनों में बनने वाले मुहूर्त और शुभ योग।


17 अक्तूबर मंगलवार : धन त्रयोदशी, धनतेरस, भौम प्रदोष व्रत, दोपहर 12 बज कर 35 मिनट पर सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेगा, सूर्य की तुला संक्रांति एवं कार्तिक महीना प्रारंभ, संक्रांति का पुण्यकाल सारा दिन, श्री धनवंतरी जी की जयंती, यम प्रीत्यर्थम दीपदान (सायं समय घर के बाहर दीपदान), श्री संगमेश्वर महादेव अरुणाय (पिहोवा, हरियाणा) के शिव त्रयोदशी पर्व की तिथि, मेला श्री भैणी साहिब (लुधियाना)


18 अक्तूबर बुधवार : ये दिन छोटी दीपावली नाम से भी विख्यात है। इस वर्ष ये सर्वार्थसिद्धी योग में मनाया जाएगा। इसका शुभ मुहूर्त प्रात: 6.38 बजे से आरंभ होगा। श्री राम जी की भक्ति एवं सेवा में सदैव लीन रहने वाले रामभक्त श्री हनुमान जी की जयंती, नरक चतुर्दशी, नरक चौदश, रूप चौदश, काली चतुर्दशी, यमाय तर्पण एवं दीपदान (चतुर्दशी में सायं समय घर के बाहर दीपदान), मासिक शिवरात्रि व्रत, मेला काली बाड़ी (शिमला) एवं पर्वत मेला मंडी (हिमाचल)


19 अक्तूबर वीरवार : लक्ष्मी पूजा चित्रा नक्षत्र में होगी। सारा दिन अमावस्या रहेगी। 24 घंटे में कभी भी महालक्ष्मी पूजन किया जा सकेगा। इस रोज तुला राशि में सूर्य, चंद्र, बुध और गुरू की युक्ति से चर्तुग्रही योग बनेंगे। इन योगों का विश्राम भाईदूज पर होगा। दीपावली महापर्व, दीवाली महोत्सव, सायं समय देवालय-मंदिर आदि तीर्थ स्थानों पर दीप दान के बाद घर में दीए आदि प्रज्वलित करें, श्री महालक्ष्मी पूजा, श्री गणेश पूजा, कुबेर पूजा, काली जी की पूजा, स्नान आदि की कार्तिक अमावस, मेला दीवाली अमृतसर, महर्षि दयानंद सरस्वती जी का एवं स्वामी श्री महावीर जी का निर्वाण दिवस (जैन), श्री महालक्ष्मी पूजा सायं प्रदोष काल में 5 बज कर 48 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी, श्री कमला जयंती, स्वामी श्री रामतीर्थ जी का जन्म एवं निर्वाण दिवस, ऋषि बोध उत्सव


20 अक्तूबर शुक्रवार : अन्नकूट, गोवर्धन पूजा, बलि पूजा, गोक्रीड़ा सायं समय, श्री विश्वकर्मा दिवस (पंजाब), कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रारंभ


21 अक्तूबर शनिवार : इस दिन सर्वार्थसिद्धी योग बन रहा है। चंद्र दर्शन, भाई दूज, टिक्का, भ्रातृ द्वितीया, यम द्वितीया, यमुना स्नान, श्री विश्वकर्मा जयंती एवं पूजन, आचार्य श्री तुलसी जी का जन्म दिवस (जैन), श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को गुरुयाई मिली दिवस, चित्रगुप्त जी की पूजा।


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