जीवन की चुनौतियां का डटकर करें मुकाबला, निश्चित मिलेगी सफलता

punjabkesari.in Wednesday, Feb 21, 2018 - 11:12 AM (IST)

जीवन एक संघर्ष है, चुनौतियां तो आएंगी। इनसे सहम कर जो हिम्मत हार जाते हैं, सफलता उनसे दूर भाग जाती है। जब समय विपरीत होता है तो मजबूत दिल के लोग और जोश से आगे बढ़ते हैं। मुश्किलें ही अंतत: समाप्त होती हैं, साहसी व्यक्ति का साहस नहीं। किसी पक्षी के एक चूजा पैदा हुआ। उसके पंख भी लग आए, पर वह उड़ना नहीं चाहता था। उसके माता-पिता ने उसे आकाश में उड़ने के लिए बहुत प्रेरित किया, पर वह आकाश को देखते ही डर के मारे आंखें मूंद लेता, अपने घोंसले को और मजबूती से पकड़ लेता। आखिर पक्षी दंपति ने एक योजना बनाई और बच्चे को घोंसले से धक्का मारा। वह जमीन पर गिरता, उससे पहले ही झटके से उसके पंख खुल गए। 

वह जमीन तक पहुंचा लेकिन एक पल भी वहां ठहरे बिना पंखों को फडफ़ड़ाता हुआ वापस अपने घोंसले में पहुंच गया। यदि मन की मानते रहोगे तो घोंसले से आगे नहीं बढ़ पाओगे। मन को समझाओ, उसे तैयार करो। ज्ञात से अज्ञात में उड़ान भरने में डर जरूर लगेगा, पर जिसने आगे बढ़ने का संकल्प ले लिया, वह अपने प्रयास को प्रमाद की सीढ़ियों पर नहीं बैठने देगा। 

जिनकी समझ में यह बात नहीं आती, वे अपने परिवारजनों से कुछ अतिरिक्त अपेक्षा रखने लगते हैं। अपनी व्यक्तिगत शारीरिक पीड़ा और परेशानी में वे संतापग्रस्त हो जाते हैं कि पुत्र-परिजन हमारी उपेक्षा कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि दर्द बंटाने की हद तक वे मेरे सहभागी बनें। ऐसा हो नहीं पाता और आदमी दुखी हो जाता है। हमें याद रखना होगा कि चंचलता में सच्चाई का पता नहीं चल पाता। झील के पानी में अगर लहरें शांत हैं तो वह पारदर्शी होगा। अगर तरंगें उठ रही हैं तो उसकी पारदर्शिता समाप्त हो जाएगी। निथरा हुआ जल है तो तल या पेंदी तक सब कुछ दिखाई पड़ेगा।


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