भोजन करने के इस तरीके से बढ़ेगी उम्र और दौलत-शोहरत

punjabkesari.in Tuesday, May 16, 2017 - 10:09 AM (IST)

स्वस्थ तन-मन के लिए सात्विक आहार ग्रहण करना अत्यावशक है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, भोजन खाते वक्त यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो बढ़ती है, उम्र और दौलत-शोहरत। इसके साथ-साथ दैवीय शक्तियां भी मेहरबान रहती हैं। पुराणों के अनुसार अन्न में अन्नपूर्णा मां का वास माना गया है। सनातन धर्म में कोई भी हिंदू भोजन खाने से पूर्व उसे प्रणाम करता है। ताकि जो भोजन करने जा रहे हैं, वह स्वास्थ्य के लिए हितकर हो। फिर अन्नपूर्णा मां को भोजन के लिए धन्यवाद देता है की पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए आपका आभार।


जो व्यक्ति प्रतिदिन भोजन से पहले गौ माता को ग्रास अर्पित करता है, वह सत्यशील प्राणी श्री, विजय और ऐश्वर्य को प्राप्त कर लेता है। जो व्यक्ति प्रात:काल उठने के बाद नित्य गौ माता के दर्शन करता है, उसकी अकाल मृत्यु कभी हो ही नहीं सकती, यह बात महाभारत में बहुत ही प्रामाणिकता के साथ कही गई है। 


खाना खाने से पूर्व हाथ अच्छी तरह धोएं, नाखून काट कर रखें। हिंदू धर्म के अनुसार मानव शरीर वायु, अग्नि, जल, आकाश और पृथ्वी से मिलकर बना है और हाथों की अंगुलियां इन तत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं। जब इन पांचों तत्वों के माध्यम से भोजन ग्रहण किया जाता है अर्थात चम्मच की बजाय हाथ से खाना खाया जाता है तो ये हमारे खाने में अवशोषित होकर हमें निरोगी बनाते हैं।


जो कोई प्रतिदिन पूरे संवत्-भर मौन रह कर भोजन करते हैं, वे हजारों-करोड़ों युगों तक स्वर्ग में पूजे जाते हैं अर्थात जो व्यक्ति संतोष के साथ जो मिले उसी पर संतुष्ट रहता है, उसे पृथ्वी पर ही स्वर्ग का सुख प्राप्त होता है। उसे न तो कोई दुख होता है और न ही कोई कष्ट। 


प्राचीन परम्परा के अनुसार खाना हमेशा जमीन पर पालथी मारकर ही खाना चाहिए।  ऐसा करने से मोटापा, अपच, कब्ज, एसीडीटी आदि पेट संबंधी बीमारियों में भी राहत मिलती है। खड़े होकर अथवा मेज कुर्सी पर बैठकर खाना खाने से शरीर में अनेक विकार पैदा हो जाते हैं। इस बात को हमेशा याद रखें कि भोजन करने के बाद क्रोध नहीं करना चाहिए और न ही भोजन के तुरंत बाद व्यायाम करना चाहिए, इससे स्वास्थ्य को नुकसान होता है।


घर से सभी टूटे-फूटे, खंडित, दरार पड़े हुए तथा बेकार बर्तनों को हटा देना चाहिए। इससे वास्तु दोष का परिहार हो जाता है तथा घर में लक्ष्मी पुनः वास करती हैं। खंडित बर्तन में खाना खाने से हमारी जीवनशैली नकारात्मक बनती है। जैसे बर्तनों में हम भोजन करते हैं हमारा स्वभाव और स्वास्थ्य भी वैसा ही बन जाता है। इसी वजह से अच्छे और साफ बर्तनों में भोजन करें। इससे आपके विचार भी शुद्ध होंगे और सकारात्मक ऊर्जा का शुभ प्रभाव आप पर पड़ेगा और खुलेगा आपकी किस्मत का ताला।


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