पंच भीष्म स्नान के दौरान 33 करोड़ देवी-देवता सरोवर के जल में विद्यमान रहते हैं

punjabkesari.in Friday, Nov 03, 2017 - 12:10 PM (IST)

अजमेर: राजस्थान में अजमेर के तीर्थराज पुष्कर के पवित्र सरोवर में आज कार्तिक माह की वैकुंठ चतुर्दशी पर आज सुबह ही डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का रैला उमड़ पड़ा। इस मौके पर साधु-संतों, पंडितों एवं पुरोहितों द्वारा 15वां शाही स्नान भी किया गया। सेन भक्तिपीठ के संस्थापक सेनाचार्य स्वामी अचलानंदाचार्य महाराज एवं राम रमैया आश्रम के महंत प्रेमदास महाराज की अगुवाई में सभी संत महंतों ने शाही स्नान के लिए पुष्कर के सेन भक्तिपीठ से प्रारंभ होकर कस्बे के मुख्य मार्गों से होते हुए सरोवर की परिक्रमा के साथ मुख्य ब्रह्म घाट पर सामूहिक शाही स्नान किया। बाद में पूजा अर्चना भी की गई।  


अनेक सामाजिक संगठनों व आश्रम की ओर से इन सभी का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। शाही स्नान के बाद सभी संत महंत मुख्य बाजार से होते हुए पुन: सेन आश्रम पहुंचेंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा तक इन पांच दिनों में पंच भीष्म स्नान के दौरान 33 करोड़ देवी-देवता सरोवर के जल में विद्यमान रहते हैं। यहां स्नान करने एवं ब्रह्माजी के दर्शनों से पापों का नाश व पुण्य की प्राप्ति होती है। 


कार्तिक पूर्णिमा के महास्नान के साथ ही कल पंचतीर्थ स्नान व पुष्कर मेला प्रशासनिक तौर पर पूरी तरह संपन्न हो जाएगा। मेला मैदान पर सुबह दस बजे समापन समारोह के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। सायं छह बजे महाआरती के साथ सरोवर में विराजमान 33 करोड़ देवी- देवताओं की विदाई और आह्वान किया जाएगा और रात आठ बजे के बाद पुष्कर सरोवर के हाई लेवल ब्रिज पर आतिशबाजी कर मेले को विदाई दी जाएगी। कल कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए यहां लाखों श्रद्धालुओं का पुष्कर पहुंचना शुरू हो गया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News