Dhanteras story: धनतेरस की रात करें ये उपाय, घर में आएगा इतना धन कि सात पीढ़ी तक चलेगा

punjabkesari.in Thursday, Nov 09, 2023 - 02:20 PM (IST)

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Dhanteras 2023: दीपावली की खरीदारी करने के बाद इस दिन से ही रात को दीपक जलाने की परम्परा बड़ी पुरानी है, पंच पर्वों का उत्सव धनतेरस से ही शुरू हो जाता है। मृत्यु के देवता यम को स्मरण करते हुए एक दीपक प्रतिदिन इसी दिन से जलाने की परंपरा शुरू होती है तथा यमदेव से प्रार्थना की जाती है कि घर में किसी की अकाल मृत्यु न हो।

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Dhanteras Katha Story इस संबंध में एक पौराणिक कथा भी प्रसिद्ध है
एक दिन मृत्यु के देवता यमराज के मस्तिष्क में विचार आया कि मेरे आदेश पर मेरे दूत किसी के भी प्राण हर लेते हैं, क्या कभी उन्हें किसी पर दया नहीं आती तथा किसी नौजवान के प्राण हरण करने पर उनका मन नहीं पसीजता ?

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विचार मन में आते ही यमराज ने अपने दूत को बुला कर उक्त प्रश्न किया। यमदूत ने कहा कि एक बार हंस नामक राजा के घर में जब पुत्र हुआ तो ज्योतिषियों की भविष्यवाणी थी कि विवाह के चार दिन बाद राजकुमार की मृत्यु हो जाएगी। राजा ने विचार किया कि वह राजकुमार का विवाह ही नहीं करेंगे। राजा ने इसी मंशा से राजकुमार को जंगल में स्थित एक महात्मा की कुटिया में भेज दिया परंतु होनी को कोई टाल नहीं सकता। एक दिन हंस नाम के राजा की रूपवती कन्या रास्ता भूलकर वहां आ गई। राजकुमार ने उसके साथ गन्धर्व विवाह कर लिया। विवाह के चार दिन बाद ही राजकुमार की मृत्यु हो गई। जब राजकुमारी पति की मृत्यु पर विलाप कर रही थी तो यमदूत का दिल पसीज गया था। उसने यमराज से कहा कि इस तरह की जवान मौत से बचने का क्या कोई उपाय है?

यह प्रश्न सुनकर यमराज ने कहा कि जो व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मेरे नाम का दीपक सच्चे मन से जलाएगा, उसके परिवार में कभी अकाल और जवान मृत्यु नहीं होगी। इसी कारण धनतेरस की रात को यम दीपक जलाया जाता है।

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Dhanteras ke upay totke अकाल मृत्यु का रक्षक यम दीपक
धनतेरस की रात जिस घर में दीपक जलाया जाता है, उस घर की अकाल मृत्यु और जवान मृत्यु से रक्षा तो होती ही है। यदि दीपक में एक साबुत लौंग डाल दिया जाए तो घर में आएगा इतना धन कि सात पीढ़ी तक चलेगा। इस दीप को घर के मंदिर में हनुमान जी के समक्ष प्रज्वलित करें और उनकी आरती करें। इसके अतिरिक्त ध्यान रखें दीपक खंडित न हो। घर के मुख्यद्वार पर दो दीपक, आंगन और छत पर एक-एक दीप का दान करें।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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