किन के लिए लाभकारी रहेगी शनि अमावस्या, ये दान विघ्नों का करेंगे नाश

punjabkesari.in Wednesday, Jun 21, 2017 - 07:12 AM (IST)

आषाढ़ मास की अमावस 24 जून को है, ये दिन शनिवार को पड़ रहा है इसलिए इसे शनि अमावस्या अथवा शनिश्चरी अमावस्या कहा जाएगा। इस रोज किए गए दान से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। शनि को सीमा ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि जहां से सूर्य का प्रभाव समाप्त होता है वहीं से शनि का प्रभाव आरम्भ हो जाता है। इस दिन किसी तीर्थ स्थल पर स्नान आदि करना भी उत्तम माना जाता है।


किन के लिए लाभकारी है अमावस?
जिन जातकों की कुण्डली में पितर दोष, कालसर्प दोष एवं शनि प्रकोप हो, जिनके घर में हर समय कलह कलेश हो, घर का कोई सदस्य असाध्य रोग से पीडि़त हो,जिनके बच्चों के विवाह आदि में बिना वजह देरी हो रही हो अथवा विवाह आदि में कोई विध्न पड़ रहा हो, जो शनि प्रकोप एवं संतान से पीड़ित हो, जिनके व्यापार में घाटा पड़ रहा हों, उन्हें शनि अमावस पर शनि को प्रसन्न करके उन की कृपा पाने के लिए शनि पूजन अवश्य करना चाहिए।


किस वस्तु का करें दान? 
इस दिन अपने पितरों के निमित्त काले वस्त्र, काले रंग के बार्डर वाले कपड़े, काले गुलाब जामुन, तवा, चिमटा, छत्तरी,गुड़, उड़द की दाल, स्टील का बर्तन, सरसों का तेल, तथा जामुन फल के साथ ही चमड़ें के जूतें, काली छतरी आदि का दान दक्षिणा सहित मंदिर में किसी ब्राह्मण को करना लाभकारी रहता है। किसी अंध विद्यालय, वद्घाश्रम, अनाथालय एवं सार्वजनिक स्थल पर उड़द की दाल से बनी मिठाई, सरसों के तेल में बनाए गए पकौड़े एवं बड़े यानि भल्ले आदि का दान करने से जहां शनिदेव प्रसन्न होते हैं, वहीं पितर भी प्रसन्न होकर कृपा करते हैं। शनि की धातु लोहा है, इसलिए लोहे के साथ अनाज में चना तथा दालों में उड़द की दाल का दान करना चाहिए। इसके अतिरिक्त भैंसे और घोड़े को काले चने भिगोकर खिलाने, काले कुत्ते को दूध पिलाने तथा कौवे को रोटी खिलाने से कार्यों में पड़ रहे विघ्न-बाधाएं समाप्त होंगे। 

 
प्रस्तुति : वीना जोशी,जालंधर 
veenajoshi23@gmail.com


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