कल चंद्रमा होगा बलहीन, इसके वार से बचकर करें अपनी इच्छाएं पूरी

punjabkesari.in Thursday, Nov 16, 2017 - 12:58 PM (IST)

कल शुक्रवार दी॰ 17.11.17 को मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी के उपलक्ष में शिव पूजन करना श्रेष्ठ रहेगा। ईशान-संहिता के अनुसार कृष्णपक्ष की चतुर्दशी की रात्रि में आदिदेव शंकर करोडों सूर्यो के समान परम तेजस्वी लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। शिव पुराण की विद्येश्वर-संहिता के अनुसार निराकार ब्रह्म लिंग रूप में कृष्ण चतुर्दशी की महानिशा में प्रकट होकर सर्वप्रथम ब्रह्मा व विष्णु के द्वारा पूजित हुए थे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हर माह की कृष्ण चतुर्दशी को मन का कारक चंद्रमा बलहीन अवस्था में होता है।  चंद्रमा में सृष्टि को ऊर्जा देने में सामर्थ्य नहीं होती। मन के भाव भी चंद्रमा की कलाओं के जैसे घटते-बढ़ते रहते हैं। कुंडली में दूषित चंद्रमा व्यक्ति के मन को बहुत अधिक दुखी करता है तथा वह मानसिक कठिनाईयों का सामना करता है। कृष्ण चतुर्दशी के दिन शिव पूजन मानसिक विकारों से मुक्ति देता है। इस दिन शिवार्चन करने से असंभव काम भी संभव होते हैं। कुंवारियों का शीघ्र विवाह होता है। दांपत्य से अशान्ति दूर होती है तथा भोग और मोक्ष की कामना पूरी होती है।


पूजन विधि: प्रातः काल शिवालय जाकर शिवलिंग का विधिवत पूजन करें। इत्र मिले गौघृत का दीप करें, तगर से धूप करें, गुलाबी फूल चढ़ाएं, अबीर चढ़ाएं, देसी खांड का भोग लगाएं तथा इस विशेष मंत्र से 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग को जलप्रवाह कर दें।


पूजन मुहूर्त: प्रातः 08:20 से प्रातः 09:20 तक। 


पूजन मंत्र: ॐ सोमशेखराय नमः॥ 


उपाय
शीघ्र विवाह हेतु शिवालय जाकर शिवलिंग-गौरी का मौली से गठबंधन करें। 


अशांत दांपत्य से मुक्ति हेतु दंपत्ति शिवलिंग पर गौघृत से अभिषेक करें।


मनोविकार से मुक्ति के लिए नारियल-मिश्री सिर से वारकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 


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