सुबह के वक्त न देखें इस व्यक्ति का चेहरा, अशुभ बीतता है दिन

punjabkesari.in Friday, Mar 10, 2017 - 01:49 PM (IST)

सुबह अगर अच्छी हो तो सारा दिन शुभता से प्रतीत होता है। प्रभात में आंख खोलते ही किसी उलझन और परेशानी से रूबरू होना पड़ जाए, सारा दिन तन और मन पर नकारात्मकता छाई रहती है। प्राचीन मान्यताओं, हिंदू शास्त्रों और वास्तु के अनुसार कुछ ऐसी गलतियां हैं, जो आंख खोलने पर नहीं करनी चाहिए। दिन शुभ हो इसके लिए हमारे ऋषि-मुनियों ने कर (हाथ) दर्शन का संस्कार हमें दिया है अर्थात हथेलियों को देखना। सुबह उठते ही हमें कर दर्शन अर्थात अपनी हथेलियों के ही दर्शन करना चाहिए। शास्त्रानुसार हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी का, मध्य भाग में सरस्वती का तथा मूल भाग में परमब्रह्म गोविंद का निवास होता है। अतः सुबह हथेलियों के दर्शन करने के लिए हथेलियों को आपस में मिलाकर पुस्तक की तरह खोल लें और यह श्लोक पढ़ते हुए हथेलियों का दर्शन करें।


श्लोक: कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविंद प्रभाते करदर्शनम्॥ 


व्यक्ति को नींद से उठने के बाद दूसरा काम करना चाहिए भूमि वंदन। हम इस धरती पर अपना बोझ डालते हैं, इस पर पांव रखते हैं। यही भूमि हमें अन्न, जल व आश्रय प्रदान करती है। भूमि से ही मनुष्य को अनेक खाद्य प्रदार्थ मिलते हैं। मकान बनाने, खेती करने और स्टोरेज बनाने के लिए हमें धरती को खोदना पड़ता है। उस समय होने वाले सब आघात भूमि सहन करती है। सभी का बोझ यह भूमि संभालती है इसलिए प्रात: उठने पर भूमि पर पैर रखने से पूर्व निम्नलिखित श्लोक बोलें।


श्लोक: समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले। विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे॥


नींद से उठने के बाद व्यक्ति को तीसरा काम करना चाहिए माता-पिता के दर्शन। माता-पिता ही हमारे सच्चे भगवान और यह ही हमारे मूल-शक्ति का स्रोत हैं। इनके दर्शन और चरण स्पर्श से हम में सकारात्मक ऊर्जा का निर्वाह होता है।


सुबह उठकर अपना चेहरा आईने में न देखें क्योंकि ऐसा करने से सारा दिन नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव स्वयं पर बना रहता है। भोजन करने से पूर्व पशु या किसी गांव का नाम न लें। इससे अशुभता आती है।


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