Dev Deepawali: आज पृथ्वी के इस भाग में आएगा देवलोक

punjabkesari.in Monday, Nov 07, 2022 - 11:12 AM (IST)

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Dev Deepawali 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाए जाने का विधान है। भगवान शंकर ने देवताओं की प्रार्थना पर महाबलशाली दैत्य त्रिपुरासुर का वध किया था। उसी के उल्लास में यह पर्व देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि देव दीपावली पर देवता नदी तटों पर आते हैं। इस तिथि से पहले कार्तिक के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु नींद से जागते हैं। ये भी माना जाता है कि दीपावली पर महालक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु से पहले जाग जाती हैं, इसलिए दीपावली के 15 दिन बाद देवताओं की दीपावली मनाई जाती है। इसे ही आगे चलकर देव दीपावली ने नाम से जाना गया।

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में इस उत्सव की बहुत धूम रहती है। कहते हैं पृथ्वी के इस भाग में सारा देवलोक उतर आता है।

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यह त्यौहार काशी की संस्कृति एवं परम्परा का अहम हिस्सा है। वाराणसी में धूमधाम से देव दीपावली मनाई जाती है। इस मौके पर पूरी काशी नगरी को दीयों की जगमगाहट से रोशन कर दिया जाता है।

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काशी के सभी घाटों को दुल्हन की तरह सजाया भी जाता है। 84 घाटों पर दीयों की लड़िया देखकर ऐसा लगता है मानो तारे आसमान छोड़कर धरती पर उतर आए हों। भव्य गंगा आरती को देखने के लिए दूर-दूर से लोग वाराणसी आते हैं। 

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दशाश्वमेध घाट पर देव दीपावली के दिन पर्यटकों का जमावड़ा लगता है। घाटों पर मंत्रोच्चार होता है। हर घाट की फूलों और इलेक्ट्रॉनिक लाइटों से आकर्षक सजावट की जाती है। शंखनाद के बाद महाआरती शुरू होती है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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