निराशा में कई बार अपनी ताकत का एहसास भी हो जाता है गुम

punjabkesari.in Thursday, Feb 15, 2018 - 06:35 PM (IST)

निराशा एक स्थिति है जो निम्न मनोदशा और काम के प्रति अरुचि को दर्शाती है। उदास व्यक्ति दुखी, उत्सुक हो सकता है, खाली, निराश, बेबस, बेकार, दोषी, चिड़चिड़ा या बेचैन होता है। मनोरोग के कई लक्षण में से निराशा को एक मुख्य लक्षण माना जाता है। निराशा को रोगों के समूह में मनोदशा को प्राथमिक खलल पहुंचाने वाला माना जाता है। आगे जानें निराशा के ऊपर जानें एक कहानी प्ररेक कहानी-


एक बार शहर में सर्कस का खेल चल रहा था, जिसमें एक महावत हाथी को एक पतली सी डोरी से बांधकर चारों और घुमा रहा था। यह दृश्य देखकर सभी आश्चर्यचकित थे कि इतना बड़ा हाथी एक पतली सी डोरी से कैसे बंधा रह सकता हैं। जबकि यह डोरी तो एक छोटा सा बच्चा भी एक झटके में तोड़ सकता हैं। खेल खत्म हो गया और सभी अपने-अपने घर जा रहे थे। एक व्यक्ति वहां अभी भी खड़ा उस हाथी को देख रहा था। वह बार-बार उसी हाथी के बारे में सोच रहा था। जब उसे कोई जवाब नहीं मिला तो उसने उस महावत से पूछा कि आखिर इतना बड़ा हाथी एक छोटी सी डोरी से कैसे बंधा रह सकता हैं।


तब महावत नें जवाब दिया। हम जंगल से हाथी का बच्चा लेकर आते हैं और उसे जंजीरों से बांधकर रखते हैं। हाथी का बच्चा बार-बार इन जंजीरों को तोड़ने का प्रयास करता हैं, लेकिन वो सफल नहीं हो पाता हैं। हाथी का बच्चा पूरी तरह निराश हो जाता हैं। वो यह समझता है कि उसमे इतनी शक्ति नहीं हैं की वह इन जंजीरों को तोड़ सके। इसके बाद हाथी का बच्चा पूरी तरह निराश हो जाता हैं। फिर जब हाथी का बच्चा बड़ा हो जाता हैं तो उसे एक ऐसी जगह ले जाया जाता हैं।


जहां बड़े-बड़े हाथी पतली-पतली डोरियों से बंधे होते है और उसे भी एक पतली डोरी से बांध दिया जाता हैं। हाथी यह सोचकर उस डोरी को तोड़ने का प्रयास नहीं करता कि बाकी सभी हाथी भी इसी तरह से बंधे हैं। जब बाकी हाथी इसे नहीं तोड़ सकते तो मैं कैसे तोड़ सकता हूं। यह सोचकर हाथी हमेशा उस पतली डोरी से बंधा रहता है जिसे वह कभी भी तोड़ सकता हैं। वह व्यक्ति यह सब सुनकर काफी आश्चर्यचकित हुआ।


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