किसी का स्वभाव जानने से पहले ध्यान रखें आचार्य चाणक्य की सीख

punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2017 - 08:39 AM (IST)

आचार्य चाणक्य बुद्धिमान व्यक्ति थे। उन्होंने अपने ज्ञान को स्वयं तक सीमित नहीं रखा बल्कि ज्ञान को चाणक्य नीति में लिखकर अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी दिया।जिन पर अमल करके चिंताअों से मुक्त हो सकते हैं। आधुनिक समय में बहुत सारे लोग इन नीतियों का पालन कर रहें हैं। चाणक्य की नीतियों को जीवन में अपनाने से सफलता की प्राप्ति होती है। चाणक्य कहते हैं-

दंडे प्रतीयते वृत्ति:।

भावार्थ:
एक राजा जिस प्रकार की दंडनीति का निर्धारण करता है उससे राजा के स्वभाव का पता चल जाता है। इससे समझा जा सकता है कि राजा योग्य है या अयोग्य, सहृदय है या क्रूर, जनप्रिय है या जनविरोधी, लालची है या परहितकारी, सत्यमार्गी है या झूठा।

विवेकसम्मत हो दंड दंडो हि विज्ञाने प्रणीयते।

भावार्थ:
न्याय करने वाले राजा से यह आशा की जाती है कि वह अपराधी को दंड देने का निर्णय खूब सूझ-बूझ के साथ करेगा।


 


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