चाणक्य नीति: स्वयं करें मार्ग में आने वाली विपत्तियों को दूर
punjabkesari.in Monday, Feb 12, 2018 - 10:45 AM (IST)
चाणक्य नीति या चाणक्यनीतिशास्त्र, आचार्य चाणक्य द्वारा प्रदान किया गया एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें मानव जीवन में सुधार लाने के लिए सुझाव दिए गए हैं। इस ग्रंथ में बहुत सारे सूत्र शामिल किए हैं, जिनका यदि सही रूप से पालन किया जाए तो व्यक्ति का जीवन चमत्कारिक ढंग से बदल सकता है।
श्लोक-
परीक्ष्य तार्या विपत्ति:।
अर्थात: परीक्षा करके विपत्ति को दूर करना चाहिए।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी कार्य के मध्य में यदि विघ्न अथवा विपत्ति आने की संभावना हो तो उसकी परीक्षा करके उसे दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। विचारशील व्यक्ति के मार्ग में विपत्तियां नहीं आतीं।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Rang Panchami : रंग पंचमी पर कर लें यह उपाय, मां लक्ष्मी का घर में होगा वास
Rang Panchami: रंगपंचमी पर धरती पर आएंगे देवी-देवता, इस विधि से करें उन्हें प्रसन्न
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
नाहन-हरिपुरधार मार्ग पर वैन दुर्घटनाग्रस्त, पेड़ ने बचाई 3 लोगों की जान