घर में बिल्ली का आना कर सकता है आपके भविष्य के साथ खिलवाड़, बचें अदृश्य वार से

punjabkesari.in Friday, Mar 17, 2017 - 11:30 AM (IST)

इतिहासकारों के अनुसार बिल्ली और मनुष्य का रिश्ता लगभग 4 हजार साल पुराना है। पूर्वी इलाकों में भी बिल्ली को इस बात का श्रेय जाता था कि वह नुक्सानदायक जीव-जन्तुओं को समाप्त करने वाली हैं। यूरोप में ईसाई धर्म के प्रादुर्भाव के समय बिल्ली के संबंध में कुछ लोगों की सोच में खतरनाक ढंग से परिवर्तन आया। इसके बाद करीबन पांच शताब्दियों तक बिल्ली को शैतान का दूत समझा गया तथा बिल्ली को चुड़ैल परिवार का सदस्य समझकर उससे नफरत की जाने लगी। इससे भी ज्यादा खतरनाक स्थिति तब आई जब अक्सर किसी समारोह में चुड़ैल के किसी रूप तथा बिल्ली को सार्वजनिक रूप से आग में जिन्दा जलाया जाने लगा।17वीं शताब्दी का आगमन होते-होते बिल्ली के संबंध में लोगों की परंपरागत सोच में परिवर्तन आया और लोगों ने बिल्लियों को फिर से अपनाना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, बिल्ली की सुन्दरता और महत्ता को कला और साहित्य में भी उकेरा जाने लगा तथा वे लोकप्रिय हो गईं। 


बिल्ली को लेकर समाज में अनेक अंधविश्वास प्रचलित हैं। किसी कार्य के लिए घर से बाहर निकलने पर बिल्ली के रास्ता काट देने पर अपशकुन माना जाता है। बिल्ली के रोने को अमंगलसूचक माना जाता है।संसार में अनेक रूप-रंग की बिल्लियां पाई जाती हैं। मध्य काल में बिल्लियों को शैतान का रूप समझे जाने के कारण काली बिल्ली को हेय दृष्टि से देखा जाता था तथा इस प्रकार की भ्रांति और अंधविश्वास के कारण लोग एकदम काली बिल्ली के बजाय सफेद चकत्ते वाली बिल्ली को पसन्द करने लगे। 


बिल्ली घर में रखा दूध पी जाए तो यह अपशकुन होता है। मान्यता है कि इससे घर में आर्थिक हानि होती है। क्योंकि दूध श्री और सौभाग्य का प्रतीक होता है। ज्योतिष शास्त्र में दूध को चंद्र ग्रह से संबंधित माना गया है क्योंकि दोनों की प्रकृति शीतलता प्रदान करने वाली होती है। घर में दूध की हानि होना चंद्र ग्रह पर राहु का दुष्प्रभाव होना माना गया है। जो किसी परेशानी और चिन्ता की तरफ इशारा करता है। धारणा के अनुसार बिल्लियों का दिखाई देना या इसकी आवाज को भी अपशकुन माना जाता है। बिल्ली का पालना भी अशुभता का प्रतीक है। कुछ धर्मो में बिल्ली को जिन्नातों के साथ भी जोड़ा जाता है। ऐसा माना माना जाता है जहां बिल्ली निवास करती है वहां जिन्न और प्रेत निवास करते हैं। 


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