खुद में पैदा करें ये आदत, गुणवत्ता में होगी वृद्धि

punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2017 - 10:58 AM (IST)

एक दिन श्री चैतन्य महाप्रभु पुरी (ओडिशा) के जगन्नाथ मंदिर में गरुड़ स्तम्भ के सहारे खड़े होकर दर्शन कर रहे थे। एक स्त्री वहां श्रद्धालु भक्तों की भीड़ को चीरती हुई देव दर्शन हेतु उसी स्तम्भ पर चढ़ गई और अपना एक पांव महाप्रभु जी के दाएं कंधे पर रखकर दर्शन करने में लीन हो गई। 

यह दृश्य देखकर महाप्रभु का एक भक्त घबराकर धीमे स्वर में बोला, ‘हाय, सर्वनाश हो गया! जो प्रभु स्त्री के नाम से दूर भागते हैं, उन्हीं को आज एक स्त्री का पांव स्पर्श हो गया, न जाने आज यह क्या कर डालेंगे।’ 

वह उस स्त्री को नीचे उतारने के लिए आगे बढ़ा ही था कि उन्होंने सहज भावपूर्ण शब्दों में उससे कहा, ‘अरे नहीं, इसको भी जी भरकर जगन्नाथ जी के दर्शन करने दो, इस देवी के तन-मन प्राण में कृष्ण समा गए हैं, तभी यह इतनी तन्मयी हो गई कि इसको न तो अपनी देह और न ही मेरी देह का ज्ञान रहा।’ 

काम करते समय दूसरों की गलतियों की बजाय अच्छाइयां ढूंढना अपनी आदत में शामिल कर लें ताकि हमारे काम की गुणवत्ता बढ़े और समय की बचत हो। साथ में यह आदत हमारे शिष्ट-व्यवहार को दर्शाएगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News