मार्च में है जन्मदिन, Predictions के साथ जानें अपना Future

punjabkesari.in Wednesday, Mar 01, 2017 - 03:14 PM (IST)

मार्च महीने में पैदा होने वाले जातकों पर प्रमुख रूप से देवगुरु बृहस्पति की मीन राशि का प्रभुत्व होता है। कुछ सीमा तक गुरु के अलावा नेपच्यून ग्रह का प्रभाव भी इस माह पैदा होने वाले जातकों में पाया जाता है। इन जातकों को शुक्र की महादशा शुभफलदायी नहीं होती। साथ ही मंगल सर्वाधिक फलदायी होता है। इसकी महादशा मार्च में पैदा होने वाले लोगों के लिए जीवन का स्वर्णिम काल होता है। यदि मार्च में पैदा होने वाले जातकों के लग्न में गुरु होता है, तो ये जातक पीत वर्ण, बड़ी-बड़ी आंखें, उन्नत ललाट, सुन्दर केश व दांत छोटे-छोटे व प्रथम मिलन में ही आकर्षित कर लेने वाला व्यक्तित्व होता है। स्वभाव से बड़े सरल व सहज होते हैं। मार्च में जन्मे बालक न केवल कला में महारत लिए होते हैं, बल्कि उनका व्यक्तित्व  इस कदर आकर्षक होता है कि हर कोई उनका प्रशंसक बन जाता है। ये स्वभाव से बेहद  सरल और मेधावी होते हैं। 


मेधावी और श्रद्धालु स्वभाव
मार्च माह में जन्मे जातक असाधारण रूप से मेधावी व श्रद्धालु भाव के होते हैं, लेकिन एक सबसे बड़ी कमी यह होती है कि अपने लक्ष्य के प्रति लापरवाह होते हैं। स्वाभाविक रूप से किसी मददगार या शत प्रतिशत अनुकूल हालात का इंतजार करने के अभ्यस्त होते हैं। मीन राशि वाले जातकों की कुंडली में मंगल तथा चंद्रमा शुभ होते हैं। ऐसे जातक देवगुरु की प्रकृति के अनुसार शिक्षा, शास्त्रार्थ, धार्मिक कार्यों में रुचि के अलावा वाद-विवाद में प्रवीण होते हैं। कर्म की बजाय भाग्य पर ज्यादा विश्वास करते हैं। 


कला प्रेमी और चित्ताकर्षक
मार्च माह में पैदा होने वाले जातक आर्थिक मामलों में लचीले व स्वभाव से सहिष्णु होते हैं। इनके साथ बुराई करने वाले के साथ भी भलाईपूर्ण व्यवहार करते हैं। ऐसे जातकों का पारिवारिक जीवन सुखमय होता है। लेखन, नाटक, संगीत, कला आदि के क्षेत्र में रुचि रखते हैं लेकिन समय-समय पर अपने शौक में परिवर्तन करते रहते हैं। धनागम निरंतर होता है लेकिन इनके पास टिकता नहीं है। धीरे या देर से ही सही ये अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं। मार्च में पैदा होने वाले लोग उच्च तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा, वित्त व बैंकिंग क्षेत्र में विशेष रूप से कामयाब रहते हैं।


हालांकि कलात्मकता भरपूर होती है लेकिन इसे वे अपना व्यवसाय बनाना पसंद नहीं करते हैं। जिस भी क्षेत्र में जाएंगे उसमें प्रवीणता हासिल कर लेंगे। ऐसे जातकों की लोग अक्सर पीठ पीछे बुराइयां करते हैं, जिसकी इन्हें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हानि पहुंचती है। ऐसे जातक किसी किसी न किसी प्रकार की लत के शिकार रहते हैं, जिसके कारण इन्हें अक्सर खास समारोह व बैठकों में विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इन्हें आत्म-ग्लानि भी होती है और उस लत से छुटकारा पाने का संकल्प भी करते हैं, लेकिन लत है कि दूर होने का नाम ही नहीं लेती है। लत के अलावा इनकी धर्म के प्रति अंधश्रद्धा भी कई बार परेशानियों का कारण होती है। 


विष्णु आराधना, पुस्तकों का दान श्रेष्ठ
इनके स्वामी ग्रह गुरु होते हैं, लिहाजा यदि कुंडली में इनकी स्थिति अच्छी हो तो कुंडली के कई प्रकार के दोष स्वयं समाप्त कर देते हैं। कुंडली में अच्छी स्थिति में न होने या जातक द्वारा अमर्यादित व्यवहार के कारण गुरु कुपित होकर कई प्रकार की परेशानियों के कारक हो जाते हैं। यदि गुरु अनुकूल परिणाम नहीं दे रहे हों तो इस माह जन्मे लोगों को भगवान विष्णु की आराधना, धार्मिक पुस्तकों का दान, गरीब बच्चों के लिए पुस्तकों और छात्रवृत्ति की व्यवस्था करनी चाहिए।


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