किसी से ये चीजे लेने से पहले रखें ध्यान, कई पीढ़ियों तक भुगतना पड़ेगा परिणाम

punjabkesari.in Thursday, Jun 15, 2017 - 01:31 PM (IST)

‘मुहूर्त संग्रह दर्पण’ पुस्तक के अनुसार मंगलवार को कभी भी कर्ज नहीं देना चाहिए। कर्ज चुकाने के लिए यह दिन अच्छा माना जाता है। बुधवार का दिन धन संग्रह का अच्छा दिन माना जाता है अगर किसी समय में सूर्य की संक्रांति बदल रही हो या वृद्धि योग हो, साथ ही रविवार या मंगलवार का दिन हो तो भूल कर भी ऋण नहीं लेना चाहिए। अगर किसी कारण ऋण लेना ही पड़ता है तो वह ऋण कई पीढिय़ों तक चलता रहता है।


गोस्वामी तुलसीदास जी के अनुसार उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वा भाद्रपद, विशाखा, रोहिणी, कृत्तिका, मघा, आद्र्रा, भरणी, आश्लेषा, मूलनक्षत्र आदि में कर्ज दिया गया, चोरी-डकैती में गया, जमा किया गया धन पुन: कभी भी वापस नहीं आता।


रविवार, मंगलवार, शनिवार में से कोई भी वार हो और उन वारों में द्वितीया, सप्तमी या द्वादशी में से कोई भी तिथि हो तो ऐसे योग को त्रिपुष्कर योग कहते हैं। इस योग में दिए गए धन पर अगर लाभ होता है तो तिगुना और अगर हानि होती है तो वह तिगुनी। इसी कारण इस योग में भी ऋण लेने से बचना चाहिए।


निष्ठा, चित्रा, मृगशिरा नक्षत्र से युक्त द्वितीया, सप्तमी तथा द्वादशी तिथि को अगर शनिवार, रविवार या मंगलवार में से कोई भी दिन हो तो उसे द्विपुष्कर योग कहा जाता है। इस योग में भी  कर्ज नहीं लेना चाहिए। इस योग में कर्ज लेने से ऋण कभी भी चुकता नहीं होता और ऋण लेने वाले को हत्या, मुकद्दमा आदि का भी सामना करना पड़ सकता है। शास्त्रों में वर्णित कोई भी वस्तु कभी निरर्थक नहीं होती। अतएव शास्त्रों के अनुसार ही कार्य करना श्रेयस्कर है। 
 


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