ग्रहण की काली छाया का नहीं पड़ेगा प्रभाव, मंगलवार की रात करें ये उपाय

punjabkesari.in Monday, Jan 29, 2018 - 09:31 AM (IST)

शास्त्रों में अनेक जगहों पर हनुमान जी का जन्म पूर्णिमा पर बताया गया है और कई जगहों पर इसे अमावस्या पर बताया गया है। इसी कारण अमावस्या और पूनम हनुमान मंदिरों में विशेष महत्व रखती है। अनेक किवंदतियों के अनुसार हनुमान जी ने ग्रहण के कारक राहू को कई बार प्रताड़ित किया है तथा राहू के कहने पर ही इन्द्र ने हनुमान जी पर वज्र से प्रहार किया था। इसी कारण ग्रहण काल का हनुमान जी से बहुत गहरा नाता है। शास्त्रों में ग्रहण को संकट स्वरूप माना गया है। ग्रहण को संकट काल माना गया है और हनुमान जी को संकटमोचन कहा गया है। इसी कारण हनुमान जी की पूजा-उपाय ग्रहण काल से पहले करने से काली छाया का अंत होता है। करें 30 जनवरी की रात हनुमान जी के ये उपाय 


रात्रि को 10.30 बजे सोने से पूर्व घर की दक्षिण दिशा में लाल कपड़े पर हनुमान जी का चित्र स्थापित करें और पंचोपचार पूजन करें।


चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी के सामने उड़द के आटे से बना चौमुखी दीपक करें। इस मंत्र का जाप करें- हं हनुमते रुद्रात्मकाय हूं फट॥


गर्भवती महिलाएं गर्भ की सुरक्षा के लिए उपरोक्त मंत्र का जाप करते हुए एक मोली पर नौ गांठे लगाकर हनुमान जी पर अर्पित करने के बाद अपनी कमर पर बांध लें।


आंखे मूंद कर हनुमान जी को भीगे हुए उड़द और गुड़ का भोग लगाएं। सुबह इसे किसी काली गाय को खिला दें।


संतान की सुरक्षा के लिए बच्चों के सिर से उड़द, मसूर, लौंग, जौं और छोटी हरी इलायची चार बार वारकर हनुमान जी के सामने कपूर के साथ जला दें।


धन की सुरक्षा के लिए हनुमान पर चढ़े हुए चमेली के तेल और सिंदूर के मिश्रण से घर की तिजोरी पर श्रीं लिखें।


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