वास्तु: घर में Aquarium रखने से पहले जरूर जान लें ये बातें

punjabkesari.in Tuesday, Jan 09, 2018 - 05:13 PM (IST)

अाज कल लोग बहुत मार्डन हो रहें हैं इसलिए लोग अपने घरों में तरह के तरह के शोपीस रखते हैं जिस से कि घर पर रहने वाले और घर पर आने वाले लोगों पर अच्छा प्रभाव पड़े। इन्हीं शोपीसों में से एक एक्वेरियम है। जिसे लोग घर पर रख तो लेते है। लेकिन बहुत कम लोगों को इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में पता होता है। शीशे का छोटा सा घर, जिसमें छोटी-छोटी मछलियां तैरती रहती हैं। इन्हें देखकर न सिर्फ बच्चों को मजा आता है बल्कि बड़ों को भी सुकून मिलता है। इस प्रकार के छोटे से मछली घर को एक्वेरियम कहा जाता है। एक्वेरियम सिर्फ मन को प्रसन्नता नहीं देते बल्कि फेंगशुई के अनुसार इनसे घर के सदस्यों के ऊपर आने वाली समस्त विपत्तियां टलती हैं एवं घर में धन-संपत्ति के आगमन में निरंतरता बनी रहती है। लेकिन फेंगशुई के कुछ नियम हैं जिनका पालन करते हुए एक्वेरियम रखा जाए तभी इसका समुचित लाभ मिल पाता है।


मछलियों की संख्या
एक्वेरियम में मछलियों की संख्या का विशेष महत्व है। फेंगशुई के अनुसार एक्वेरियम में मछलियों की संख्या कम से कम नौ (9) होनी चाहिए। आठ (8) मछलियां लाल अथवा सुनहरे रंग की होनी चाहिए जबकि एक मछली काले रंग की। ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों की संख्या नौ (9) बताई गई है। संभव है कि इन्हीं कारणों से फेंगशुई में नौ (9) मछलियां एक्वेरियम में रखने की बात कही गई है। 


जब कभी कोई मछली मर जाएं तो उसे एक्वेरियम से बाहर निकाल दें और उसकी जगह नई मछली लाकर पानी में डाल दें। ध्यान रखें कि जिस रंग की मछली मरी हो उसी रंग की नई मछली को हो। फेंगशुई के अनुसार जब कोई मछली मरती है तो अपने साथ घर पर आने वाली विपत्तियों को साथ लेकर चली जाती है। इसलिए एक्वेरियम में मछली के मरने पर दुःखी नहीं होना चाहिए। 


एक्वेरियम की दिशा 
एक्वेरियम को पूर्व, उत्तर अथवा उत्तर-पूर्व में रखें। इसे शयनकक्ष अथवा रसोईघर में कभी न रखें, इससे संपत्ति की हानि होती है। दांपत्य जीवन में आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए इसे मुख्य द्वार के बाईं ओर रखें। दाईं ओर रखने से घर के पुरूष का मन चंचल होता है और पराई स्त्रियों के प्रति उनका आकर्षण बढ़ता है। दिशा का निर्धारण करने का तरीका यह है कि घर के अंदर मुख्य द्वार की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं। जो भाग आपके दाएं होगा उसे दाहिना भाग कहेंगे और दूसरा भाग बायां कहलाएगा।


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