इस कारण हैं अमरीकी लोग अकेलेपन के शिकार

punjabkesari.in Friday, Mar 24, 2017 - 03:16 PM (IST)

जहां एक ओर अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है, वहीं दूसरी ओर वहां रहने वाले लोग ज्यादातर अकेलेपन के शिकार हैं। अकेलेपन से होने वाली मानसिक और शारीरिक बीमारियों से ग्रसित है खासकर वहां के बुजुर्ग। भौगोलिक वास्तुनुकूलताओं के कारण अमेरिका की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है और देश पूर्णतः विकसित है। प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं। अमेरिका के पास जमीन बहुत ज्यादा और आबादी बहुत कम है। जिसके कारण श्रम मंहगा है। इसलिए यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी है और जमीन की उपलब्धता के कारण जमीन सस्ती है। सस्ती जमीन के कारण ज्यादातर घर बड़े बनाए जाते हैं जिसके आसपास खाली जमीन भी बहुत होती है। इस कारण यहां के कस्बे और शहर दूर-दूर तक फैले हुए हैं। ऐसे में कहीं भी आने-जाने के लिए लगभग सभी लोगों के पास कारें हैं और उन्हें रखने के लिए घरों में गैराज भी हैं। उत्तर अमेरिका में बहुत सर्दी होती है तो दक्षिण अमेरिका में बहुत गर्मी। इस कारण यहां कार रखना आवश्यक भी है। बहुत ज्यादा सर्दी और गर्मी पड़ने के कारण घरों में कूलिंग एवं हिटींग सिस्टम लगे हैं जो सामान्यतः घर के बेसमेंट में लगाए जाते हैं इसलिए ज्यादातर घरों में बेसमेंट भी हैं। अमेरिका के घरों की बनावट में एक विशेष बात यह है कि किचन के लिए कोई अलग से कमरा नहीं होता। हॉल के किसी एक हिस्से में किचन बना होता है।


अमेरिका में घरों के अन्दर जाने के लिए सामान्यतः दो दरवाजे होते हैं। एक दरवाजा गैराज से घर में जाने का होता है तो दूसरा बाहर सड़क की ओर से होता है। सामान्यतः अमेरिका में घरों के मध्य किसी भी प्रकार कीकम्पाउण्ड वाल नहीं होती। कहीं-कहीं पर घर के खुले भाग के कुछ हिस्से में लकड़ी के पट्टे लगाकर कम्पाऊण्ड वाल बना दी जाती है। इस प्रकार की बनावट से घरों में कई प्रकार के वास्तुदोष आ जाते हैं। जो वहां रहने वालों के जीवन को प्रभावित करते हैं। पिछले दिनों जब मैं वास्तु अध्ययन के लिए अमेरिका गया तो मैंने वास्तुदोषों का प्रभाव वहां रहने वालों के रोजमर्रा के जीवन में देखा जो इस प्रकार है -


मैंने अनुभव किया कि दुनिया में 90 प्रतिशत बेसमेंट वास्तु सिद्धान्तों के अनुकूल नहीं होते, अमेरिका के घरों में भी यही देखने में आया। यहां कई मकानों में पूरे मकान के नीचे बेसमेंट है, तो कहीं गैराज के नीचे बेसमेंट है। कहीं आधे घर के नीचे बेसमेंट है और आधे घर के नीचे बेसमेंट नहीं है। विशेष बात यह है कि बेसमेंट में बहुत कम जगहों पर वेटिलेशन नजर आए। वास्तुशास्त्र के अनुसार बेसमेंट घर की केवल पूर्व दिशा, ईशान कोण और उत्तर दिशा में ही हो तो ही शुभ होता है। इन दिशाओं के अलावा किसी अन्य दिशा में होने पर शारीरिक, मानसिक, आर्थिक समस्याओं का कारण बनता है।


यहां प्लाट का साइज बड़े होने के कारण घर के आसपास जो खाली जगह छोड़ी जाती है उसमें ज्यादातर खुली जमीन समतल न होकर ऊंची-नीची होती है जिस पर लैंडस्केपिंग की जाती है। इस कारण घर के चारो ओर कहीं ऊंचाई तो कहीं निचाई आ जाती है। यह ऊंचाई घर की दक्षिण दिशा नैऋत्य कोण, पश्चिम दिशा और वायव्य कोण में हो और निचाई पूर्व दिशा, ईशान कोण और उत्तर दिशा में हो तो शुभ होती है। यदि निचाई घर की दक्षिण दिशा, नैऋत्य कोण, पश्चिम दिशा और वायव्य कोण में हो और ऊंचाई घर की पूर्व दिशा, ईशान कोण और उत्तर दिशा में हो तो यह ऊंचाई घर में निवास करने वाले लोगों के लिए आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियों का कारण बनती है। यहां किचन सीधा लिविंग रूम में इस प्रकार जुड़ा होता है कि, किचन से लिविंग का विस्तार नजर आता है। किचन में कोई दरवाजा नहीं होता। जहां घर के लोग आए मेहमानों से मिलते हैं, टीवी देखते हैं, पढ़ते हैं अर्थात् उनका यही लिविंग रूम होता है। इसी प्रकार कुछ घरों में किचन हॉल के एकदम सामने होता है जहां किचन में दरवाजा नहीं होता। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में किचन की यह स्थिति बहुत ही खतरनाक और अशुभ होती है। ऐसे किचन के वास्तुदोषों का प्रभाव इस प्रकार होता है, ऐसे घर में रहने वालों की रिश्तेदारों के साथ शत्रुता रहती है। गृहस्वामी के कितने ही मित्र हो धीरे-धीरे वह दूर होते जाते हैं। घर की वह महिला जो गर्भधारण करने की उम्र में है, उसे गर्भधारण करने में या बच्चा होने में परेशानियां आती हैं। उस घर के बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में तरक्की नहीं कर पाते।


सड़क से गैराज तक जो रास्ता होता है जिस पर से गाड़ी सीधी गैराज में चली जाती है। वास्तुशास्त्र में इसे मार्ग प्रहार (विथीशुला) कहते है। जो कि यहां ज्यादातर घरों में पाया जाता है। यह मार्ग प्रहार 50 प्रतिशत घरों में शुभ स्थान पर होता है तो बाकि के 50 प्रतिशत घरों में अशुभ स्थान पर होता है। इसी कारण 50 प्रतिशत घरों में घर के अन्दर खुलने वाला गैराज का दरवाजा शुभ स्थान पर होता है तो बाकि के 50 प्रतिशत घरों में अशुभ स्थान पर होता है। इसी प्रकार 50 प्रतिशत घरों में सड़क पर खुलने वाला मुख्य द्वार शुभ होता और 50 प्रतिशत अशुभ होता है। कुल मिलाकर ज्यादातर घरों में एक दरवाजा वास्तु सिद्धान्तों के विपरीत जरूर देखने में आता है।


अमेरिका में उपरोक्त वास्तुदोषों से उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा के कारण ही वहां पति-पत्नि में आपसी तालमेल न बन पाने के कारण तलाक की स्थितियां अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा है। सम्पन्न देश में रहते हुए अच्छी आमदनी होने के बाद भी आर्थिक समस्याओं के कारण यहां के लोग क्रेडिट कार्ड पर अपनी जिन्दगी बसर कर रहे है, अपराध का औसत भी अमेरिका में अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा है। इन्हीं दोषों के कारण उनके बेटे-बेटियां 18 से 20 वर्ष तक के होते-होते माता-पिता को छोड़कर अलग रहने लगते हैं और अधेड़ या बुजुर्ग माता-पिता घरों में अकेले रह जाते हैं। यदि पति- पत्नि में से कोई एक मर जाता है तो उनका अकेलापन बहुत बढ़ जाता है। इसलिए ज्यादातर लोग अकेलापन दूर करने के लिए कुत्ते या बिल्ली पालते हैं। देखनें में आया कि यहां पालतू जानवरों को  बच्चों की तरह पाला जाता है और यही जानवर बच्चों की जगह उनका सहारा बनते हैं। इनकी देखरेख में उन बुजुर्गों का अच्छा टाईम पास हो जाता है। ऐसे में जानवर ही उनके मित्र होते हैं, इनकी देख-रेख, सेहत इत्यादि पर ध्यान देना पड़ता है और इस पर पैसा भी बहुत खर्च होता है। पालतू जानवरों के लिए अमेरिका के हर कस्बे और शहर में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पेट क्लिनिक, पेट आई क्लिनिक और इनके ट्रैनिंग सैन्टर है। यदि जानवरों के मालिकों को कहीं जाना होता है तो इनके रहने के लिए होस्टल्स है। होस्टल वाले भी जनवरों को रखने के लिए मोटी फीस वसूल करते हैं।


अमेरिका के न्यूयार्क, न्यूजर्सी, शिकागो, बाल्टीमोर इत्यादि बड़े शहरों में बनने वाली मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स में भी यह देखने में आया कि पार्किंग के लिए बने 90 प्रतिशत बेसमेंट वास्तु सिद्धान्तों के विपरीत बने हैं। फ्लेट में भी किचन और लिविंग रूम एक ही होते हैं। 50 प्रतिशत फ्लेट के मुख्यद्वार वास्तु विपरीत स्थान पर बने होते हैं। यही ट्रेंड आजकल भारत में भी बनने वाली मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में भी देखने में आ रहा है। इसी कारण जिन परेशानियों से पश्चिम के लोग परेशान थे, उन्हीं परेशानियों का सामना भारत के लोग भी कर रहे हैं। भारत में तलाक का औसत पिछले कुछ दशकों में बढ़ा है, बुजुर्ग लोगों के अकेले रहने के कारण उनके साथ अन्याय बढ़ते जा रहे है।


- वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा 
thenebula2001@yahoo.co.in


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News