GST: सितारे नहीं थे अनुकूल, अशुभ ग्रहों के चलते सरकार को करने पड़ेंगे अनेकों परिवर्तन

punjabkesari.in Tuesday, Jul 04, 2017 - 09:12 AM (IST)

केंद्र सरकार द्वारा 30 जून 2017 की रात 12 बजे जी.एस.टी. को लागू किया गया परंतु ज्योतिषियों का मानना है कि सरकार ने अशुभ मुहूर्त में जी.एस.टी. को लागू किया है जिसके नतीजे आने वाले समय में सरकार व जनता के सामने आएंगे। 


विष्टीकरण योग बढ़ाएगा सरकार की मुश्किलें
ज्योतिषी संजय चौधरी के अनुसार जी.एस.टी. को लागू करने के समय लग्न कुंडली का स्वामी बृहस्पति था जोकि 7वें घर में चंद्रमा के साथ बैठकर गज केसरी योग बना रहा है जोकि अच्छा है। इससे भारतीय बिजनैस रैंकिंग विश्वभर में बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि बृहस्पति व चंद्रमा की 7वें घर में उपस्थिति भारी विरोध को भी जताती है। इस योग के ऊपर मंगल की दृष्टि होने के कारण अनेकों व्यापारिक समुदाय के लोगों द्वारा जी.एस.टी. की दरों को लेकर अपना विरोध लगातार जारी रखा जा रहा है। लग्न तथा लग्न का स्वामी द्विस्भाव राशि में पडऩे के कारण जी.एस.टी. बिल में सरकार को अनेकों परिवर्तन भी करने पड़ सकते हैं। 


उन्होंने कहा कि कुंडली में सबसे महत्वपूर्ण बिन्दू यह है कि अशुभ मुहूर्त में जी.एस.टी. को लागू किया गया है क्योंकि उद्घाटन के समय विष्टी समय चल रहा था जिसे अशुभ करना की उपाधि दी जाती है। मुहूर्त ज्योतिष के अनुसार विष्टी करना के समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए था क्योंकि इससे अनावश्यक विरोध, रुकावटें व कानूनी अड़चनें पैदा होंगी। जी.एस.टी. बिल को सही ढंग से लागू करने व सहमति बनाने के लिए सरकार को आने वाले समय में अनेकों परिवर्तन करने के लिए नोटीफिकेशन लाने पड़ सकते हैं। 


उल्लेखनीय है कि भारत में जी.एस.टी. को लागू करते समय कनाडा माडल को अपनाया गया है। देश में जी.एस.टी. की दरें विश्व में सबसे ऊंची रखी गई हैं। अभी भी विश्व में कई देशों को नई कर प्रणाली की मुश्किलों से रू-ब-रू होना पड़ रहा है। कनाडा में भी सरकार को जी.एस.टी. दरों को बदलने के लिए विवश होना पड़ा है।


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