क्रोध पर ऐसे पाया जा सकता है नियंत्रण

punjabkesari.in Saturday, Dec 02, 2017 - 10:11 AM (IST)

क्रोध पर काबू पाया जा सकता है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो चाह कर भी क्रोध पर नियंत्रण नहीं रख पाते। ऐसे में यदि वे क्रोध को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो उसे रचनात्मक बनाकर इससे होने वाली बीमारियों और नुक्सान से अवश्य बच सकते हैं। जब किसी व्यक्ति पर क्रोध आने लगे, तो उसी क्षण अपनी आंखें बंद कर उस व्यक्ति की हास्यास्पद तस्वीर मन में बना लें या किसी चुटकुले का पात्र बना दें। इसी तरह अपने साथ हास्य व्यंग्य, प्रेरणा देने वाले व्यक्तियों की पुस्तकें और डायरी हमेशा साथ रखें। जब अंतर्मन में क्रोध से भुजाएं फड़कने लगें, तो तुरंत डायरी और पैन लेकर कुछ भी लिखने बैठ जाएं। ‘एम एसार’ का मानना है कि ‘‘क्रोध वह प्रक्रिया है जिसमें आपका मुंह आपके दिमाग के मुकाबले काफी तेजी से काम करने लगता है।’’ इसीलिए मुंह को बंद करने के लिए रचनात्मक कार्यों में अपना ध्यान लगाएं। क्रोध के कारण विचार मन में उत्पन्न न हों इसलिए आड़ी-टेढ़ी रेखाएं ही पेपर पर खींचें। कई बार अनायास ही आड़ी-टेढ़ी रेखाओंं की आकृति में अत्यंत कलात्मकता के दर्शन होते हैं। यदि कुछ लिख सकते हैं तो क्रोध के समय विचारों को लेख और कविता में ढालने का प्रयत्न करें। इस प्रकार क्रोध धीरे-धीरे आपके नकारात्मक भावों को उभारने की बजाय आपकी प्रतिभा और रचनात्मकता को तलाशने का केंद्र बन जाएगा। क्रोध नवरसों में से एक है जिस तरह जीवन में प्रकाश और अंधकार का सामंजस्य रहता है उसी तरह प्रसन्नता और मुस्कान के साथ क्रोध का भी समावेश रहता है। जीवन में निराशा, भाग-दौड़, दुख-दर्द, नुक्सान आदि लगे रहते हैं, इनसे क्रोध व तनाव उभरता है। इनको जड़ से मिटाना मुश्किल है और मिटाया भी क्यों जाए? हां, क्रोध को रचनात्मक बनाकर और क्रोध के समय चुप्पी साधते हुए, स्वयं को अन्य कामों में लगाकर आप अपने जीवन की लंबी दौड़ में ज्यादा सुखी और स्वस्थ अवश्य रह सकते हैं। 


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