शराब ने आपका घर तबाह कर दिया है, एक क्लिक में पाएं हल

punjabkesari.in Sunday, May 28, 2017 - 10:50 AM (IST)

‘किसने किसको पकड़ा है’


विनोबा भावे भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उनका मूल नाम विनायक नरहरी भावे था। बात उस समय की है जब विनोबा भावे के पवनार आश्रम में एक शराबी आया। वह विनोबा जी से कहने लगा: 


‘‘बाबा, शराब के नशे ने मेरा घर तबाह कर दिया है क्या करूं?’’


विनोबा जी ने कहा, ‘‘शराब पानी छोड़ दो।’’


उस व्यक्ति ने कहा, ‘‘क्या करूं नहीं छूटती है शराब। आप ही कोई उपाय बताएं।’’


विनोबा जी कुछ देर शांत रहे और फिर बोले, ‘‘शाम को चार बजे आना। वह व्यक्ति तय समय पर आश्रम पहुंचा और विनोबा जी को पुकारने लगा।’’ 


विनोबा जी ने अंदर से ही कहा, ‘‘क्या करूं मुझे खम्भे ने पकड़ रखा है, मैं बाहर नहीं आ सकता।’’  


उस व्यक्ति ने घर के अंदर झांका तो खम्भे को स्वयं विनोबा जी पकड़े हुए थे। वह व्यक्ति बोला, ‘‘हे आचार्य खम्भा आपको नहीं छोड़ रहा या आप खंभे को नहीं छोड़ रहे?’’


यह सुनकर विनोबा जी हंस पड़े और उन्होंने कहा, ‘‘तुम भी तो शराब नहीं छोडऩा चाहते लेकिन कहते तो शराब छूटती नहीं।’’


वह व्यक्ति विनोबा जी की बात समझ गया और उसने शराब को हमेशा-हमेशा छोडऩे की शपथ ली।


शिक्षा : कई चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें हम ही नहीं छोडऩा चाहते और कहते हैं छूटती नहीं। ऐसी चीजों और भावों को गंभीरता से सोचें, चिंतन करें। हर समय कोई महापुरुष आपको शिक्षा देने भले ही मौजूद न हो लेकिन उनकी बातें हमेशा आपके साथ रहती हैं।
 


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