आज का गुडलक: श्री काल भैरव के पूजन से पूर्ण होंगी समस्त मनोकामनाएं

punjabkesari.in Friday, Nov 10, 2017 - 07:33 AM (IST)

आज शुक्रवार दि 10.11.17 को मार्गशीर्ष कृष्ण के उपलक्ष्य में काल भैरव जयंती पर्व मनाया जाएगा। शिवपुराण के अनुसार इसी दिन महादेव अपने रुद्रावटार भैरव के रूप में प्रकट हुए थे। पौराणिक मतानुसार अंधकासुर दैत्य अपनी अनीति व अत्याचार की सीमाएं पार करते हुए महादेव पर आक्रमण करने का दुस्साहस कर बैठा. तब उसके संहार के लिए भगवान शंकर के रुधिर से भैरव की उत्पत्ति हुई। मृत्यु को भयभीत करने वाले काल भैरव का रंग कोलतार से भी गहरा है, विशाल प्रलंब, स्थूल शरीर, अंगारकाय त्रिनेत्र, काले डरावने चोगेनुमा वस्त्र, रूद्राक्ष की कण्ठमाला, हाथों में लोहे का भयानक दण्ड व काले कुत्ते की सवारी। कालिका पुराण अनुसार शिव के गण भैरव के 64 भेद है तथा यह आठ भागों में विभक्त हैं। ब्रह्मवैवर्तपुराण अनुसार महाभैरव, संहार, असितांग, रुद्र, कालभैरव, क्रोध, ताम्रचूड़, चंद्रचूड़ भैरव नामक आठ पूज्य भैरवों का निर्देश है। शिवमहापुराण में भैरव को परमात्मा शंकर का ही पूर्णरूप बताया गया है। काल भैरव जयंती के विशेष पूजन व्रत और अनुष्ठान से व्यक्ति भय से मुक्ति हो जाता है, सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा सभी शत्रुओं का नाश होता है। 

 


पूजन विधि: पूर्वमुखी होकर काल भैरव का दशोपचार पूजन करें। तिल के तेल का दीप करें, लोहबान की धूप करें, बरगद का पत्ता चढ़ाएं, सिंदूर व काजल चढ़ाएं, जलेबी का भोग लगाएं। तथा इस विशेष मंत्र से का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग कुत्ते को खिला दें।


पूजन मुहूर्त: शाम 16:44 से शाम 17:44 तक। (संध्या मुहूर्त)


पूजन मंत्र: ह्रीं काल भैरवाय नमः॥

 

आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:42 से दिन 12:26 तक।


आज का अमृत काल: नहीं है।


आज का राहु काल: प्रातः 10:44 दिन 12:04 तक। 


आज का गुलिक काल: प्रातः 08:04 से प्रातः 09:24 तक।

 

आज का यमगंड काल: शाम 14:45 से शाम 16:05 तक।

 

यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल पश्चिम व राहुकाल वास दक्षिण में है। अतः दक्षिण-पूर्व दिशा की यात्रा टालें।

 

आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर: रक्ताम्बरी।


आज का गुडलक दिशा: वायव्य।


आज का गुडलक मंत्र: ह्रीं दुष्ट-भूतनिषे-विताय नमः ॥  


आज का गुडलक टाइम: प्रातः 09:30 से 10:30 तक। 


आज का बर्थडे गुडलक: भय से मुक्ति हेतु नारियल सिर से 8 बार वारकर भैरव जी पर चढ़ाएं। 


आज का एनिवर्सरी गुडलक: पारिवारिक कष्टों से मुक्ति हेतु कालभैरव पर चढ़े उड़द भैंस को खिलाएं।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: शत्रु नाश हेतु भैरव जी के समक्ष शत्रुओं का नाम लेते हुए राई कर्पूर से जलाएं।

 

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


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