12 मार्च की रात लगाया गया 1 दीपक, रोशन कर देगा आपका नाम

punjabkesari.in Saturday, Mar 11, 2017 - 10:17 AM (IST)

12 मार्च, रविवार को फाल्गुन मास की पूर्णिमा है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, होली व दीवाली ऐसे विशेष अवसर हैं जब हर प्रकार की साधनाएं, तांत्रिक क्रियाएं तथा छोटे-छोटे उपाय भी सार्थक हो जाते हैं। यदि आपको लगता है कि किसी ने आपके ऊपर तांत्रिक अभिचार किया हुआ है जिसके कारण आपकी प्रगति ठप्प हो गई है तो देसी घी में भीगे दो लौंग, एक बताशा, एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख लाकर शरीर पर मलें और नहा लें। तांत्रिक अभिचार दूर हो जाएगा ।


आर्थिक पक्ष मजबूत करने के लिए होली की सुबह घर के मुख्य द्वार पर सुंगधयुक्त गुलाल की ढेरी बनाकर उस पर दोमुखी दीपक लगाएं। रात होने तक वह जलता रहना चाहिए। होली की अग्नि में उसे डाल दें। धन वृद्धि के योग बनेंगे और उन्नति के अवसर खुलेंगे।
 

यदि व्यापार में लगातार घाटा या आर्थिक हानि हो रही है तो होलिका दहन की सायं दुकान या मकान के मुख्य द्वार की चौखट पर गुलाल छिड़कें, उस पर आटे का बना चौमुखी दीपक जलाएं। उस दीपक को जलती होलिका में डाल आएं।


जीवन से हर तरह की बाधा दूर करने के लिए और जग में अपना नाम रोशन करने के लिए होलिका दहन की रात घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का चौमुखी दीपक लगाएं। ये दीपक सुबह तक जलता रहना चाहिए।


दांपत्य जीवन में मिठास लाने के लिए-रुई की 108 बत्तियां देसी घी में भिगोकर होलिका में संबंध सुधार की अनुनय सहित डालें ।


यदि आपको लगता है कि बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो-देसी घी में भीगे पांच लौंग, एक बताशा, एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख लाकर ताबीज में भर कर बच्चे को पहनाएं।


यदि आपके घर को बुरी नजर लग गई है तो उसे उतारने का यह स्वर्णिम अवसर है। देसी घी में भीगे दो लौंग, एक बताशा, मिश्री, एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख लाकर लाल कपड़े में बांध कर घर में रखें ।


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