विश्व स्तरीय सफर का अहसास देंगी ‘तेजस’ ट्रेन, ट्रैक निर्माण कार्य ने पकड़ी रफ़्तार

punjabkesari.in Friday, May 19, 2017 - 02:39 PM (IST)

चंडीगढ़ (लल्लन): चंडीगढ़-दिल्ली के बीच चलने वाली तेजस ट्रेन को लेकर दिल्ली में हुई बैठक के बाद अधिकारियों में अंबाला-चंडीगढ़ के बीच बन रहे नए रेलवे ट्रैक में हो रही देरी को लेकर काफी देर तक चर्चा हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंजीनियरिंग विभाग को आदेश दिया गया है कि बरसात शुरू होने से पहले ही ट्रैक का निर्माण कार्य पूरा होना चाहिए। इसके साथ ही बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि चंडीगढ़-दिल्ली के बीच चलने वाली तेजस ट्रेन में कितने कोच होंगे, क्योंकि कपूरथला रेलवे फैक्टरी में तैयार किए गए कोचों को सेफ्टी विभाग की तरफ से परमिशन मिल चुकी है। 

 

लेकिन अंबाला मंडल की ओर से तेजस टे्रन को चलाने को लेकर कमिश्नर रेलवे सेफ्टी को भेजे गए आवेदन का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली व अंबाला के बीच इन दिनों करीब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनें चल रही हैं। इसलिए अंबाला मंडल को सिर्फ चंडीगढ़-अंबाला के बीच स्पीड को लेकर परमिशन लेनी बाकी है। बैठक के दौरान इन सभी मुद्दों पर विचार किया गया है। 

 

नए रेलवे ट्रैक पर भी पहले स्पीड 110 किलोमीटर: रेलवे की ओर से तेजस ट्रेन चलाने के लिए बनाए जा रहे नए रेलवे ट्रैक पर शुरू में ट्रेन की स्पीड करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही रहेगी। जानकारी के अनुसार चंडीगढ़-अंबाला के बीच रेलवे ट्रैक का डबङ्क्षलग का कार्य सिर्फ 3 किलोमीटर का ही बाकी है। जिसको बरसात से पहले पूरा करने की बात कही गई है, लेकिन ट्रैक ज्यादा घुमावदार होने के कारण नए ट्रैक पर भी तेजस की स्पीड 110 किलोमीटर ही होगी, जबकि मौजूदा समय में शताब्दी की स्पीड चंडीगढ-अंबाला के बीच 85-90 किलोमीटर होती है। 

 

रेलवे की ओर से तेजस ट्रेन के लिए बनाए गए स्पैशल कोचों में जहां यात्रियों को पूरी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी, वहीं कोचों की सीटों में भी परिवर्तन किया गया है। तेजस ट्रेन के लिए बने नए कोच 56 सीटों का होगा जबकि पुराने कोचों में 70 सीटें होती थीं। \इसके साथ ही तेजस के साथ कुल 19 कोच जोड़े जाएंगे। जिसमें 1 पार्सल का होगा, जबकि 16 ए.सी. तथा 2 एग्जीक्यूटिव चेयर कार कोच होंगे। इसके साथ ही इन कोचों में यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाएंगी। 


 

ट्रैक के निर्माण कार्य ने पकड़ी रफ्तार 
रेलवे बोर्ड की फटकार के बाद इंजीनियरिंग विभाग ने बचे 3 किलोमीटर रेलवे ट्रैक के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए रफ्तार पकड़ ली है। जानकारी के अनुसार घग्घर के आगे काफी दूरी तक ट्रैक बन चुका है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार ने ट्रैक का कार्य मई तक समाप्त करना था लेकिन मंडल से अनुरोध के बाद निर्माण कार्य जुलाई में पूरा होना था, लेकिन अब लग रहा है कि जून तक ट्रैक की डबङ्क्षलग का कार्य पूरा हो जाएगा। 


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