PGI के ऑप्रेशन थिएटर से उपकरण करते थे चोरी, रंगे हाथ पकड़े दो कर्मी, बाजार में बेच करते थे मोटी कमाई

punjabkesari.in Saturday, Jun 24, 2017 - 07:37 AM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : पी.जी.आई. में सर्जरी के लिए आने वाले मरीजों का सामान ऑप्रेशन थिएटर से चोरी हो रहा है। मेन ऑप्रेशन थिएटर में कांट्रैक्ट पर काम करने वाले दो कर्मचारियों को सर्जरी के सामान के साथ रंगे हाथों पकड़ा है। दोनों वर्कर्स पिछले लंबे समय से ऑप्रेशन में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की चोरी करते थे और उन्हें बाजार में बेच कर पैसा कमा रहे थे। एक साल में यहां के ऑप्रेशन थिएटर्स में डेढ़ लाख ऑप्रेशन होते हैं, जिनमें से 34000 मेजर सर्जरी होती हैं। 

 

सूत्रों की मानें तो एक अनुमान के मुताबिक पिछले लंबे समय से यहां से लाखों का सर्जिकल सामान चोरी होने का अंदेशा है। पकड़े गए वर्कर्स में एक हॉस्पिटल अटैंडैंट जबकि दूसरा सैनीटेशन का काम देख रहा था। पी.जी.आई. की सिक्योरिटी विंग ने कांट्रैक्ट वर्कर्स मोनू और रविकांत द्वारा ओ.टी. से सामान चुराने का मामला पी.जी.आई. पुलिस पोस्ट को सौंप दिया है। 

 

सिर्फ यही नहीं, पी.जी.आई. प्रबंधन ने दोनों वर्कर्स को कांट्रैक्ट देने वाली लायंस कंपनी के कांट्रैक्टर को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि दोनों को काम से निकाल दिया जाए और भविष्य में कांट्रैक्ट वर्कर्स की नियुक्ति के दौरान उनके रिकॉर्ड को भी देखे-परखे। दोनों वर्कर्स की जेब से निकले सामान में 4,000 रुपए का का ब्लेडलेस ट्रोकार और करीब 1500 रुपए का आर्टिरियल कैनुला मिला है। सर्जरी के दौरान कैनुला का इस्तेमाल रेडियल आर्टरी में ब्लड प्रैशर और ब्लड सैंपल देखने के लिए किया जाता है जबकि ब्लेडलैस ट्रोकार की मदद से लैप्रोस्कोपिक प्रोसिजर किए जाते हैं।

 

ऑप्रेशन में इस्तेमाल नहीं करना था तो क्यों मंगवाया सामान :
सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले मेन ऑप्रेशन थिएटर के बाहर नियुक्त सिक्योरिटी स्टाफ को दोनों कांट्रैक्ट वर्कर्स पर शक हुआ था। सिक्योरिटी विंग के स्टाफ ने कुछ दिनों तक दोनों पर नजर रखना शुरू की और हाल ही में दोनों वर्कर्स को जब ओ.टी. के कमरे से बाहर आते हुए देखा तो उनकी चैकिंग करने पर ओटी का सामान उनकी जेबों से निकला। हैरानी की बात यह है कि सर्जरी करने वाला डाक्टर खुद मरीज के परिजनों को सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले सामान की लिस्ट देता है। 

 

अगर सामान ऑप्रेशन के दौरान यूज न हो तो डाक्टर सामान को वापिस लौटा देते हैं। अब ओ.टी. में किस मरीज का सामान था, जिसे डाक्टर ने मंगवा लिया लेकिन इस्तेमाल नहीं किया और फिर उसे वापिस नहीं लौटाया। इस मामले की जांच भी बनती थी, क्योंकि संस्थान में पहले ऐसा फैसला लिया गया था कि ओ.टी. के सामान की लिस्ट पर डाक्टर के सिग्नेचर होंगे और जो सामान इस्तेमाल नहीं होगा, उसको लौटाने वाली लिस्ट पर भी डाक्टर का नाम लिखा होगा परंतु उन सारे नियमों को खुद पी.जी.आई. ने भूला दिया और दोनों वर्कर्स को हटाने के निर्देश जारी कर दिए। 
 


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