रैस्टोरैंट और होटल मालिक पहुंचे कोर्ट, कहा - मध्य मार्ग भी मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड घोषित हो

punjabkesari.in Saturday, Apr 08, 2017 - 08:03 AM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईवे से 500 मीटर के दायरे में शराब के ठेके न खोले जाने के आदेशों के बाद पूरे देश समेत चंडीगढ़ में रैस्टोरेंट-कम-बार व होटल्स आदि का बिजनैस प्रभावित होने पर रैस्टोरैंट व होटल मालिकों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली है। 

 

सैक्टर-7 व 26 के रैस्टोरैंट मालिकों ने याचिका दायर करते हुए कहा है कि मध्य मार्ग शहर के निर्माण के दौरान निकली सड़क है। ऐसे में इसे शहर की अन्य वी-1 सड़कों से अलग करके नहीं देखा जा सकता। हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच में दायर याचिका को लेकर दलील दी गई कि मध्य मार्ग चंडीगढ़ में पी.जी.आई. से शुरू होकर ट्रांसपोर्ट चौक तक ही चलती है। इससे आगे मध्य मार्ग पी.जी.आई. की तरफ कुराली सड़क से व ट्रांसपोर्ट चौक की तरफ कालका सड़क से मिलती है। 

 

दलील पेश की गई कि जब भी मध्य मार्ग की रिकार्पेटिंग के लिए टैंडर जारी करने का काम होता है तब मध्यमार्ग को पी.जी.आई. से ट्रांसपोर्ट चौक तक ही गिना जाता है। इससे आगे की सड़क को कालका सड़क के रूप में गिना जाता है। ऐसे में मध्य मार्ग अन्य वी-1 सड़कों की तरह ही सैक्टरों को विभाजित करती एक सड़क है। 

 

ऐसे में प्रशासन की तरफ से चंडीगढ़ की वी-1 सड़कों का स्टेट हाईवे दर्जा खत्म करने के लिए साल 2005 की नोटीफिकेशन को डिनोटिफाई करते हुए मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड्स घोषित करने के लिए जारी नोटीफिकेशन के दौरान मध्य मार्ग को मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड न बनाए जाने के चलते इस सड़क पर मौजूद रैस्टोरैंट मालिकों के कारोबार को नुक्सान पहुंच रहा है क्योंकि इस सड़क को स्टेट हाईवे के रूप में ही रखा गया है। 

 

प्रशासन द्वारा 16 मार्च को हाइवे डिनोटिफाई करने को लेकर जारी नोटीफिकेशन को रद्द कर मध्य मार्ग को भी मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड घोषित करने व रैस्टोरैंट के शराब के लाइसैंस जारी करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट को बताया गया कि ऐसे ही एक मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 17 अप्रैल को है। सुनवाई 18 अप्रैल को होगी। 


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