पूटा चुनाव 23 अगस्त को : एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगी पार्टियां

punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2017 - 11:58 AM (IST)

चंडीगढ़, (रश्मि हंस): मैं शिक्षकों के वैलफेयर के लिए काम करना चाहती हूं। चुनाव लडऩे का पहले मेरा इरादा नहीं था पर जब सबने मुझ पर विश्वास जताया तो मैंने अंत में चुनाव लडऩे का फैसला किया। यह कहना है प्रो. राजेश गिल का। 23 अगस्त को होने वाले पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (पूटा) चुनाव को लेकर प्रो. राजेश गिल और प्रो. जतिंदर ग्रोवर ने प्रैस कांफ्रैंस की। कांफ्रैंस में दोनों ग्रुप्स की तरफ से एक-दूजे पर आरोप जड़े गए। साथ ही दोनों ने अपने-अपने मैनिफेस्टो और अपने-अपने विचार सांझे किए। प्रो. गिल  गोयल ग्रुप से हैं और प्रो. जितेंद्र ग्रोवर वी.सी. ग्रुप से। 

पर्सनल और प्रोफैशनल लाइफ अलग-अलग:
प्रो. गिल ने कहा कि वह अपनी पर्सनल और प्रोफैशनल लाइफ अलग-अलग रखने में विश्वास रखती हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग यह कहते हैं कि उनकी वी.सी. से चल रही लड़ाई के कारण वह उनसे शिक्षकों या संस्थान से जुड़ा काम करवाने नहीं जाएंगी तो यह उनकी सोच गलत है। प्रो.  गिल ने कहा कि वह सिस्टम की गलतियों के खिलाफ आवाज उठाती हैं और अगर यह करना गलत है तो वह गलत सही। बकौल प्रो. गिल मैं शिक्षकों की डिगनिटी के लिए काम करना चाहती हूं। हमेशा ‘येस सर’ कहने वालों को पीछे छोड़ देना चाहिए। प्रो. गिल ने कहा कि के इंफ्रा्रस्टकचर  खरीदने, आर्ट फैकल्टी की नियुक्ति,  डिसमिस करने में जो भी गड़बडिय़ा हुईं वह उन मुद्दों को उठाती रही हैं और आगे भी ऐसा करती रहेंगी। 

ये आरोप भी लगाए 
-- पूटा के  सही तरीके से काम न करने के कारण चुनावों के लिए ज्यादात्तर फैकल्टी अपने आपको मैंबर ही नहीं बनाना चाहती थी।  
-- विरोधी ग्रुप आर.एस.एस. और भाजपा से जुड़ा है। वह राजनीतिक बातें करते हैं। 
-- हर कमेटी में पी.यू. प्रबंधन के कुछ चहेते शामिल होते हैं। ऐसे में वही निर्णय लिए जाते हैं जो प्रबंधन चाहता है। ऐसा न होकर इसके लिए रोस्टर सिसटम होना चाहिए। 
-- पी.यू. को सैंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने का मुद्दा जानबूझकर रद्द किया है। 
-- पी.यू में एडमिनिस्ट्रेशन की बिल्डिंग  में सर्विस बुक, पी.एफ. आदि के रिकार्ड जल गए हैं, लेकिन आगजनी के बाद प्रबंधन यही कहता रहा है कि सारा रिकॉर्ड सर्वर पर उपलबध है। 

ये होंगे चुनावी रण में
प्रैजीडैंट        प्रो.राजेश गिल    प्रो. जतिंद्र ग्रोवर
वाईस-प्रैजीडैंट    प्रो.अनिल कुमार    डा. दीप्ती सरीन
ज्वाइंट सैक्रेटरी     जेएशेरावत        अशोक कुमार
ट्रेजरर         अमनदीप सिंह    अमित चौहान
अन्य पांच ग्रुप के एगजीक्युटिव मैबरों के लिए भी चुनाव होंगे। 

शिकायतों के कारण प्रोमोशन नहीं 
 -- प्रो.जितेंद्र ने कहा कि  160 असिस्टैंट प्रोफैसर की प्रोमोशन इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि विरोधियों ने इसके विरोध में पत्र लिखा और शिकायतें कीं। 
-- जिन शिक्षकों ने स्टूडैंट को पीएच.डी. करवाई है , वह तो पीएच.डी. इंक्रीमैंट प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन शिक्षकों को अभी तक पीएच.डी. इंक्रीमैंट नहीं मिली है। अब इस मु्ददे पर पी.यू. प्रबंधन फाईनैंस सैक्रेटरी से बात कर रहा है। 
-- डैंटल विभाग में 40 फैकल्टी की रूकी प्रमोशन करवाना
-- शिक्षकों को टी-1 के घर जल्द से जल्द अलॉट करवना 
-- एम.टैक व एम.फिल., एम.डी.एस. के ए.पी.आई. स्कोर का मुद्दा। 
-- लीव एनहॉस्मैंट के मुद्दे पर किसी भी  व्यक्ति को 180 दिनों की  रिटायमैंट  लीव दी जाती है। वहीं ए.पी.आई. स्कोर में 180 दिन काऊंट होते हैं। ऐसे में लीव एनहासमैंट  300 दिन की होनीचाहिए। 
-- कैंपस के विभागों में जहां गंदगी है उसे साफ करवाना, बंदरों की समस्या दूर करना, कैस प्रमोशन,  लीव  संबंधित मुद्दों पर काम किया जाएगा। 


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