"पी.यू. के साथ ट्यूनिंग कर यूरोप करना चाहता है रिसर्च क्षेत्र में काम"

punjabkesari.in Saturday, Jan 20, 2018 - 03:40 PM (IST)

चंडीगढ़, (रश्मि हंस) : यूरोप की वित्तीय स्थिति अब पहले से काफी बेहतर है। बेरोजगारी पहले से काफी कम हुई है। यूरोप पी.यू. के साथ टयूनिंग करके रिसर्च के क्षेत्र में काम करना चाहता है। यूरोप पानी, एनर्जी और सोलर पैनल पर काम करेगा। पंजाब यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को यूरोपियन यूनियन (ई.यू.) के दिवस पर ई.यू. के राजदूत तोमास्क कोजलोवस्की खासतौर से उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि गत 6 अक्तूबर 2017 को नई दिल्ली में सम्मेलन में हुई घोषणा के तहत साफ यह है कि भारत के साथ यूरोपियन यूनियन के बहुपक्षीय रिश्तों को मजबूत बना रहा है। दोनों ओर लोकतंत्र का होना, सांझे सिद्धांतों, स्वतंत्रता और कानून वाले जीवन मूल्यों के कारण नई भागीदारी बन रही है।


पंजाब से हैं 600 स्टूडेंट्स : 
इस दौरान तोमास्क कोजलोवस्की ने कहा कि  यूरोप में स्टूडैंट्स के लिए बहुत सारी स्कॉलरशिप है। यह स्कॉलरशिप अनलिमिटिड है। स्टूडैंट इन स्कॉलरशिप का फायदा लेकर वहां पर पढ़ाई कर सकते हैं।  इन स्कालरशिप के लिए वह 18 फरवरी तक आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि  स्टूडैंट्स, रिसर्चर एवं टीचरों के लिए ई.यू. इरास्मस प्लस के नाम से स्कॉलरशिप देती है और फंडिंग करती है। इस समय यूरोपियन यूनियन सदस्य देशों में इरास्मस प्लस प्रोग्राम के तहत 5300 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें से 600 से तो केवल पंजाब से ही है। यह स्कॉलरशिप कुल 50,000 युवाओं को दी जाती है। पिछले 3 वर्षों में ही लगभग 1300 छात्रों ने पूरा वजीफा पाया है और देश के 120 विश्वविद्यालयों ने इसमें भाग लिया है तथा 100 के लगभग विश्वविद्यालयों ने मास्टर प्रोग्राम अथवा क्षमता निर्माण परियोजनाओं (कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोजैक्ट्स) में भाग लिया है। 


भारत-यूरोप के बीच व्यापार : 
भारत यूरोप का सबसे बड़ा व्यावसायिक भागीदार है, क्योंकि 13.7 फीसदी यहीं से आता है जो चीन के 11 फीसदी और अमेरिका के 9.6 के मुकाबले कहीं आगे है। मारीशस के बाद यूरोपियन यूनियन ही भारत में सबसे बड़ा निवेशक है। 


प्रोफैसर बनना चाहते थे, मगर अफसर बन गए: 
तोमास्क कोजलोवस्की नेे कहा कि वे तो प्रोफैसर बनना चाहते थे। मगर अफसर बन गए और पिछले 20 साल से तो एशियाई देशों में ही हैं। उन्होंने कहा कि आज यूनान का संकट खत्म हो चुका है। ब्रिटेन के यूनियन से बार आने बाद भी खास नुक्सान नहीं होगा, हालांकि हमारे हित में यही होगा कि इंगलैंड संघ में बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे यूरोप में एक ही बाजार, एक ही जैसा प्रोडक्ट और एक ही रेट होते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि पूरे यूरोप में एक ही वीजा से बिना किसी बार्डर के आ-जा सकते हैं।   


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