बेटी की शादी से पहले EPF के लिए खटखटाना पड़ा हाईकोर्ट का दरवाज़ा

punjabkesari.in Sunday, Nov 19, 2017 - 12:41 PM (IST)

चंडीगढ़, (बृजेन्द्र) : बेटी की शादी के लिए ई.पी.एफ. निकलवाने के लिए एक कर्मी को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दो बार दस्तक देनी पड़ी। वहीं मामले में प्रतिवादी पक्ष के रूप में हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों की पालना न करना इंकम टैक्स डिपार्टमैंट की अधिकारी को महंगा पड़ा है। हाईकोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष द्वारा मामले में की गई कार्रवाई पर टिप्पणी करते कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया का मजाक बनाने के मकसद से किया गया। ऐसे में हाईकोर्ट ने इंकम टैक्स डिप्टी कमिश्नर को समन किया है। कोर्ट ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी करते हुए पूछा है कि बताएं कि क्या उन्होंने जानबूझकर कोर्ट के आदेशों की उल्लंघना की और यदि हां तो क्या उचित्त दंड दिया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि ई.पी.एफ. को लेकर याची से प्रतिवादी पक्ष द्वारा मांगी गई जानकारी पूरी तरह असंगत है। 

हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रतिवादी पक्ष द्वारा जारी आदेश न सिर्फ हाईकोर्ट के आदेशों को दरकिनार करने के लिए थे बल्कि कानून का उपहास करना था। याची की बेटी की शादी 28 नवम्बर के लिए तय हुई थी। शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार की ई.पी.एफ. निकलवाने की मांग असिस्टैंट कमिश्नर ऑफ इंकम टैक्स सॢकल पटियाला ने 3 जनवरी को नामंजूर कर दी थी। उनकी मांग 3 फरवरी को फिर नामंजूर कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार व अन्यों को पार्टी बनाते हुए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि याची की सॢवस जून, 2016 में सस्पेंड कर दी गई थी। उनकी पहली मांग गुप्त और नॉन-स्पीकिंग आदेश जारी कर खारिज कर दी गई।

इसे खारिज करने के कारण नहीं बताए गए। दूसरी बार मांग खारिज करने वाले आदेशों में कहा गया कि जी.पी.एफ. की राशि सिर्फ उस कर्मी को दी जा सकती है जिसने स्थाई रुप से 15 वर्ष या इससे अधिक की सेवा पूरी कर ली हो। वहीं याची की सॢवस आदेश जारी करते वक्त 14 वर्ष, 7 महीने की थी। याची की याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने असिस्टेंट कमिश्नर को आदेश दिए थे कि याची की मांग पर ताजा आदेश जारी करें जिसमें उनकी सेवा को 15 वर्ष पूरी माना जाए।


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