PU में हॉस्टल निर्माण के लिए पंजाब सरकार से 50 करोड़ की ग्रांट मांगेगी स्टूडैंट काऊंसिल

punjabkesari.in Wednesday, Sep 13, 2017 - 10:06 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी में हॉस्टल बनाने के लिए नवनिर्वाचित स्टूडैंट काऊंसिल पंजाब सरकार से 50 करोड़ रुपए की स्पैशल ग्रांट मांगेगी। कैंपस में स्टूडैंट्स की संख्या ज्यादा है और हॉस्टलों की कम। हर साल सिर्फ दो हजार नए स्टूडैंट्स को ही कैंपस मेें हॉस्टल मिल पाता है। बाकी स्टूडैंट्स को पी.जी. में रहना पड़ता है। स्टूडैंट काऊंसिल का शपथ ग्रहण समारोह 14 सितम्बर को होना है। 

 

स्टूडैंट काऊंसिल ने स्टूडैंट्स से किए वायदों को पूरा करने के लिए अभी से काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद एन.एस.यू.आई. सदस्यों ने सीनियर कांग्रेस नेता व पंजाब के कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से उनके निवास स्थान पर भी मुलाकात की। इस दौरान अध्यक्ष जशन कम्बोज व अन्य ने भविष्य में विद्यार्थी कल्याण कार्यों संबंधी चर्चा की। चन्नी ने समूची टीम और कार्यकर्ताओं को बधाई दी। शपथ समारोह के बाद स्टूडैंट काऊंसिल पी.यू. प्रबंधन से मिलकर सभी समस्याओं को हल करवाएगी। 

 

कैंपस में जल्द होगा स्टूडैंट इंटै्रक्शन कार्यक्रम :
एन.एस.यू.आई. जल्द ही कैंपस में स्टूडैंट इंटै्रक्शन कार्यक्रम भी करेगी। जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद्र सिंह व मंत्री चन्नी शामिल हो सकते हैं। इनके अलावा  राहुल गांधी को भी कैंपस में आने का निमंत्रण दिया गया है। हालांकि शपथ समारोह पी.यू. प्रबंधन के साथ ही होगा। 

 

हॉस्टलों की समस्या है सबसे बड़ी : सन्नी मेहता 
कैंपस में सबसे बड़ी समस्या हॉस्टलों की है। इस समस्या को निपटाना स्टूडैंट काऊंसिल की पहली प्राथमिकता रहेगी। सन्नी मेहता ने बताया कि  दूरदराज से पढऩे आने वाले स्टूडैंट्स को कैंपस में कमरा न मिलने की सबसे बड़ी समस्या रहती है। मेहता ने कहा कि  कैंपस में स्टूडैंट्स की संख्या ज्यादा है और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। अगर  कैंपस का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो जाए तो कैंपस की ग्रेडिंग में सुधार होगा। इस बार के  चुनावों में सन्नी मेहता ने सभी ग्रुप को एक जुट करने में खास भूमिका निभाई है। सभी के एकजुट होने पर एन.एस.यू.आई. की पी.यू. में जीत हुई है। 

 

मैनिफैस्टो : स्टूडैंट वैल्फेयर प्लैसमेंट, कैंपस में साफ-सफाई, महिलाओं के सामान अधिकार आदि के लिए काम किया जाएगा। 

 

प्रैजीडैंट पद को लेकर होती थी एन.एस.यू.आई. में फूट :
एन.एस.यू.आई. में फूट का कारण अकसर प्रैजीडैंट के पद पर चुनाव लडऩा रहा है। इसी के कारण एन.एस.यू.आई. तीन सालों से कैंपस में हार का मुंह देख रही थी। गौरतलब है कि एन.एस.यू.आई. के  तीन-चार फाड़ हो गए थे। जिसमें मनोज लुबाणा ग्रुप, संधू ग्रुप, जीवनजोत चहल ग्रुप व अन्य शामिल थे। यह सभी ग्रुप कैंपस में अलग-अलग काम कर रहे थेे।


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