टैगोर में मंचित हुआ ‘चन्नो बाजीगरनी’, दिखी लालसा और क्रोध

punjabkesari.in Friday, May 05, 2017 - 01:24 PM (IST)

चंडीगढ़, (आशीष): सपने हर किसी को अनमोल होते है। लेकिन जब कोई सपनों को तोड़ दे या फिर सपनों के नाम पर धोखा दे तो गुस्सा अपनी हद खो देता है। यह हद इतनी दूर तक जा सकती है कि कोई किसी का कत्ल तक कर देता है। इसी दृश्य को नाटक चन्नो बाजीगरनी के जरिए पेश किया गया। सत्कार रंगमंच की तरफ से टैगोर थिएटर सैक्टर-18 में आयोजित नाटक में चन्नो बाजीगरनी के जीवन को पेश किया गया। 

 

नाटक एक लड़की पर आधारित था। जो कि बाजीगर कनबे से संबंध रखती है। उसके परिवार में उसकी मां और एक भतीजा है। चन्नो देखने मे बहुत खूबसूरत है और उसकी पढऩे की भी बहुत इच्छा है लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अपनी पढ़ाई और सपनों को पीछे छोड़कर काम में जुट जाती है। एक बार चन्नो को अपनी सहेली के जरिए कबड्डी खेलने का मौका मिलता है। कबड्डी में चन्नो की प्रस्तुति शानदार रहती है। इसी कारण से राजेश नाम का लड़का जो कि ऊंची जात का होता है वह चन्नो को अपने प्यार में फंसा लेता है। वह उसे पढऩे के लिए प्रेरित करता है। चन्नो पढऩा शुरू कर देती है लेकिन कुछ ही समय के बाद राजेश किसी दूसरी लड़की के साथ शादी कर लेता है। 

 

जिस पर चन्नो को गुस्सा आता है। उसे लगता है कि वह पहले अपने सपनों को मार चुकी थी। रोजी-रोटी कमा कर खुश थी लेकिन अब उसके सपनों को पंख लगाकर राजेश धोखा दे गया है। इसी से गुस्सा होकर वह अपने भतीजे के साथ राजेश की हत्या कर देती है। सीडी सिद्धू द्वारा चालीस साल पहले लिखे नाटक चन्नो बाजीगरनी का एकदम नया रंग-रूप जसबीर गिल की डायरैक्शन में देखने को मिला। 


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