कोच व एसोसिएशन नहीं कर रहे बेहतरीन कार्य : मिल्खा सिंह

punjabkesari.in Wednesday, Sep 27, 2017 - 11:51 AM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : देश की एसोसिएशन और कोच बेहतरीन कार्य नहीं कर रहे हैं। इस कारण कारण देश से बेहतरीन एथलीट व खिलाड़ी उभरकर नही आ रहे हैं। यह कहना है फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का। वह मंगलवार को चंडीगढ़ के एक होटल में अपनी मोम से बनी प्रतिमा के अनावरण के दौरान मौजूद थे। इस दौरान फ्लाइंग सिख का पूरा परिवार पूर्व स्पोर्ट्स डायरैक्टर, मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह और अन्य उपस्थित थे। 

 

मिल्खा सिंह ने कहा कि हमारे देश में करीब 50 हजार से अधिक सरकारी कोच कार्यरत हैं लेकिन उनका क्या रिजल्ट आ रहा है, इस बारे में कोई सवाल करने वाला नहीं। उन्होने कहा कि खिलाडिय़ों को स्टेडियम तथा पैसे मुहैया करवाने का का काम सरकार का होता है, लेकिन रिजल्ट देना एसोसिएशन और कोच का काम होता है। 

 

उन्होंने कहा कि जब बैडमिंटन कोच गोपीचंद और कुश्ती व बॉक्सिंग के कोच द्वारा तैयार किए खिलाड़ी ओलिम्पिक व अन्य खेलों में पदक जीत कर देश व शहर का नाम रोशन कर रहे हैं तो अन्य खेलों से खिलाड़ी क्यों नही उभर रहे। उन्होंने ओलिम्पियन राज्यवर्धन सिंह राठौर को केंद्रीय खेल मंत्री बनाए जाने का स्वागत किया। मिल्खा ने कहा कि 12-15 साल के बेहतरीन खिलाडिय़ों को एक कोचिंग सैटर में रखकर तैयार किया जाए तो परिणाम सकारात्मक आएगा। 

 

मैडम तुसाद म्यूजियम दिल्ली का प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन :
अपनी प्रतिमा देखने के बाद मिल्खा सिंह ने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि दिल्ली के मैडम तुसाद म्यूजियम में उनकी प्रतिमा रखी जाएगी। मिल्खा सिंह ने कहा कि इस म्यूजियम में देश के उन लोगों की भी प्रतिमाएं मौजूद हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर काम किया है। 

 

इस म्यूजिम का उद्घाटन 1 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। उन्होंने कहा कि म्यूजियम में 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप के विजेता टीम के कप्तान कपिल देव की प्रतिमा भी स्थापित होगी। मैडम तुसाद म्यूजिम के महाप्रबंधक और निदेशक अंशुल जैन के मुताबिक कपिल देव की प्रतिमा में वल्र्ड कप 1983 के विजेता होने के बाद के क्षण को पेश किया गया है। 

 

आंखें बंद होने से पहले कोई ओम्लिपिक में जीते पदक :
एक सवाल के जवाब में मिल्खा सिंह ने कहा कि उनकी आंखें बंद होने से पहले यह इच्छा है कि रोम ओलिम्पिक के दौरान जो पदक वह जीतने से चूक गए थे उस पदक को ओलिम्पिक में भारत का एथलीट जीत कर देश को समर्पित करे। 

 

20 आर्टिस्टों ने 6 माह में बनाई प्रतिमा :
मैडम तुसाद म्यूजियम के महाप्रबंधक और निदेशक अंशुल जैन ने कहा कि मिल्खा सिंह की मोम की प्रतिमा बनाने के लिए 6 माह लगे व इस पर 20 कारीगरों ने काम किया। 

 

सोचा नहीं था मेरी प्रतिमा होगी मैडम तुसाद म्यूजियम में :
मिल्खा सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी प्रतिमा एक दिन इतने बड़े म्यूजियम में लगेगी। मिल्खा सिंह ने कहा कि जो प्रतिमा बनाई गई है वह पाकिस्तान में उस दौरान के समय की याद दिलाता है जब उन्होंने पदक जीतने के साथ फ्लाइंग सिख की उपाधि पाई थी। 


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