देश में हर वर्ष फंगल इंफैक्शन से होती है 15 लाख लोगों की मौत

punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2017 - 11:51 AM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : पी.जी.आई. का मैडीकल माइक्रोबॉयोलॉजी डिपार्टमैंट हमारे आसपास मौजूद सूक्ष्म जीवों जैसे बैक्टीरिया, फंगस, क्रोमोसोम, वायरस पर स्टडी करता है। इसी डिपार्टमैंट का मैडीकल माइकोबॉयोलजी डिवीजन फंगल इंफैक्शन को कंट्रोल करने व उससे होने वाली बीमारियों का इलाज ढूढऩे का काम करता है साथ ही डिवीजन में फंगल इफैक्शन पर नई नई रिसर्च की जाती है। 

 

इंटरनैशनल लैवल पर फंगल इंफैक्शन को कंट्रोल करने के लिए ग्लोबल एक्शन फंड बना है, जिसमें पी.जी.आई. का मैडीकल माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग भी मैंबर है। हाल ही में पी.जी.आई. के डिवीजन की सीरीज जरनल्स द लैंसेंट में पब्लिश हुई है। ज्यादातर अस्पतालों में एड्स, कैंसर, टी.बी. समेत दूसरी कई बीमारियों के बारे में जानकारी के लिए अलग से वार्ड और बोर्ड्स लगे होते हैं लेकिन फंगल इंफैक्शन को लेकर किसी भी तरह की कोई जानकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं होती। मैडीकल फील्ड में इस एरिया को इतनी एडवांसमैंट होने के बावजूद अनदेखा किया जाता है। 

 

पी.जी.आई. मैडीकल माइक्रोबॉयोलाजी के हैड प्रो. अरुणालोक  चक्रवर्ती की माने तो भारत में हर वर्ष 15 लाख लोग फंगल इंफैक्शन की वजह से मर जाते हैं व दुनिया भर में करोड़ों लोग फंगल इंफैक्शन का शिकार होते हैं इसके बाद ही मैडीकल फील्ड में इसे ज्यादा महत्व नहीं देते। जरनल में 6 देशों से फंगल इंफैक्शन पर सीरीज पब्लिश हुई है। पी.जी.आई. का डिवीजन देश भर से इकलौता विभाग है।

 

सीरीज ने दिया नया नजरिया :
प्रो. चक्रवर्ती की माने तो इस सीरीज ने दुनिया भर में होने वाले फंगल इंफैक्शन के इलाज में एक नया नजरिया दिया है। अभी तक हैल्थ केयर में इसे अनदेखा किया जाता रहा है लेकिन उम्मीद है कि आने वाले वक्त में इसे भी दूसरी बीमारियों जितना ही महत्व दिया जाएगा। ज्यादातर फंगल इंफैक्शन छुपे रहते हैं 

 

जब किसी व्यक्ति को कोई बड़ी बीमारी जैसे टी.बी. एड्स, कैंसर, ओर्गन ट्रांसप्लांट होता है तब इन सबको डायग्नोस करने के लिए स्पेशल टैक्नीक की जरूरत पड़ती है अगर फंगल इंफैक्शन का डायग्नोस वक्त पर न हो इससे आंखों की रोशनी जाने का खतरा भी पैदा हो सकता है व साथ ही कई मामलों में इसमें मरीज की मौत भी हो जाती है।

 

फंगल इंफैक्शन पर आर्टीकल :
पब्लिश हुई सीरीज के बाद जरनल ने तय किया है कि फंगल इंफैक्शन को कंट्रोल करने व लोगों को और ज्यादा अवेयर करने के लिए  वह इस पर आर्टीकल पब्लिश करेगा ताकि फंगल इंफैक्शन को दूर या कंट्रोल किया जा सके। प्रो. चक्रवर्ती की माने तो इंडिया में फंगल इंफैक्शन का रेट काफी ज्यादा है। 

 

इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटी फंगल ड्रग्स मरीजों की पहुंच से काफी दूर होती है ज्यादातर मरीज आर्थिक रूप से इतने मजबूत नहीं होते जिसकी वजह से वह वक्त पर अपना इलाज नहीं करवा पाते। इसके साथ ही भारत की नैचरूल कंडीशन भी इसे बढ़ाने का काम करती है वहीं गरीबी, कुपोषण, नैचरूल डिजास्टर, मैडीकल सुविधा की कमियां भी फंगल इंफैक्शन को बढ़ा देती हैं। 

 

लोगों को दूसरी बीमारियों के प्रति तो जागरूकता है लेकिन फंगल इंफैक्शन को लेकर लोगों में भी जानकारी काफी कम। डाक्टर्स की माने तो इस इस सीरीज में पब्लिश होने वाले आर्टीकल के बाद लोगों के साथ हैल्थ केयर में फंगल इंफैक्शन को लेकर जागरूकता बढ़ेगी।


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