डायबिटिक मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने का आम कारण पैरों का संक्रमण : डा. माथुर

punjabkesari.in Monday, Apr 10, 2017 - 09:29 AM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : देश में 62 मिलियन डायबटीज के मरीज हैं और 25 प्रतिशत से अधिक के पैरों में किसी ना किसी समय पर घाव, अल्सर और जानलेवा संक्रमण हो सकता है। एंडोक्रिनोलॉजी  स्पैशलिस्ट डॉ. एस. के. माथुर और प्लास्टिक सर्जन डॉ. ऋषि धवन ने इस बीमारी के मद्देनजर मैक्स सुपर स्पैशएलिटी हॉस्पिटल मोहाली में एक सुगठित फुट केयर क्लीनिक की शुरूआत की है। 

 

डॉ. माथुर की मानें तो डायबटिक मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने का सबसे आम कारण पैरों का संक्रमण है। यह भी अनुमान लगाया गया कि जागरूकता और मल्टी-डिसप्लनरी टीम द्वारा इलाज से एक डायबीटिक मरीजों में पैरों और टांग काटने के मामलों में 85 प्रतिशत तक की कमी की जा सकती है। डाक्टर धवन ने बताया कि इस क्लीनिक की शुरूआत इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है, जिससे इन जानलेवा मुश्किलों की सही समय पर पहचान की जा सकेगी। 

 

डॉ. माथुर ने बताया कि डायबटीज से नर्व सिस्टम को भी नुक्सान पहुंच सकता है और इसे पैरीफेरल न्यूरोपैथी भी कहा जाता है जो पैरों की संवेदना घटा देती है। वहीं छोटे-छोटे घाव भी संक्रमित हो सकते हैं। डायबटीज से टांगों और पैरों में रक्त प्रवाह प्रभावित हो सकता है। डॉ. धवन ने बताया कि पैरों में रक्त प्रवाह कम होने पर मरीज लेटने के बाद पैरों में दर्द महसूस कर सकता है। पैरों को बैड की साइड पर लटकाने पर ही उन्हें राहत मिलती है। 

 

ऐसे बचें पैर के रोग से :
-ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखें 

-धूम्रपान से दूरी बनाए रखें 

-पैरों को रोज गर्म पानी से धोएं

-पैरों की अंगुलियों के नाखून हमेशा काटें  

-आरामदायक जूते पहनें 

-घाव होने पर डॉक्टर को दिखाएं 

-साल में कम से कम एक बार एंडोक्रिनोलॉजिस्ट या वस्कुर्लर सर्जन से जांच करवाएं।


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