निगम के टैक्सी स्टैंडों की नीलामी के फैसले का विरोध शुरू

punjabkesari.in Tuesday, Mar 13, 2018 - 03:20 PM (IST)

चंडीगढ़ (राय): नगर निगम द्वारा शहर के टैक्सी स्टैंडों को नीलामी के जरिए अलॉट करने को लेकर विरोध होना शुरू हो गया है। कांग्रेस नेताओं और पार्षदों ने कहा कि टैक्सी स्टैंड वाले लंबे समय से यहां बैठे हैं और अब अचानक से उन्हें निगम ने उन्हें आबंटन की नीति को बदलकर नीलामी के जरिए टैक्सी स्टैंड देने की नीति बना दी है, जिसका विरोध किया जाएगा। 

 

पूर्व मेयर और कांग्रेस चंडीगढ़ के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि कांग्रेस सदन में भी निगम के इस नीलामी के प्रस्ताव का विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि टैक्सी स्टैंड वाले लगभग 30 वर्षों से यहां शहर में अपना काम कर रहे है और हर बार उन्हें टैक्सी स्टैंड अलॉट किए जाते रहे हैं। 


ई-टैंडरिंग से आबंटन करने का किया विरोध 
चंडीगढ़ टैक्सी ऑप्रेटर एसोसिएशन ने भी शहर के टैक्सी स्टैंड्स का आबंटन ई-टैंडरिंग द्वारा करने का विरोध किया है। टैक्सी ऑप्रेटरों ने कहा कि वे लोग चंडीगढ़ में पिछले 40 साल से टैक्सी स्टैंड के मालिक व हिस्सेदार टैक्सी का काम कर रहे हैं। 

 

चंडीगढ़ प्रशासन की प्लानिंग में भी टैक्सी स्टैंडों का प्रावधन था। इसी कारण प्रशासन ने सैक्टर-3, सैक्टर-14, सैक्टर-15 व सैक्टर-22 में पक्के टैक्सी स्टैंड लोगों की सहूलियत को देखते हुए खुद बनाकर दिए थे जो कि समय-समय बढ़ते रहे। 

 

24 टैक्सी स्टैंड किए थे रद्द
टैक्सी वालों ने कहा कि पहले भी वर्ष 2012 में चंडीगढ़ कार्पोरेशन ने 24 टैक्सी स्टैंड़ कैंसिल कर दिए थे जिस पर वे लोग हाईकोर्ट गए थे और हाईकोर्ट ने अपने आर्डर में उन्हें स्टे देकर निगम को कहा था कि आप अपनी कमेटी बनाकर इनकी जायज मांगों को सुनें और फिर फैसला ले। 

 

निगम की शर्तों के मुताबिक काम कर रहे हैं जो चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा नंबर की गाडिय़ां चल रही हैं, जिस की वजह से चंडीगढ़ की सड़कों पर जाम लगा रहता है, वह गाडिय़ां ओला और उबर कंपनियों की हैं। जिन से हमारा कोई लेना-देना नहीं। 

 

13 जून 2017 को कार्पोरेशन ने हमें चिठ्ठी डालकर अपने करार के मुताबिक हमें अपने कागज जमा करवाने को लिखा जो सभी ने जमा करवा दिए थे। उसके बाद हमें 1 जनवरी 2018 को चिठ्ठी भेज कर कहा कि आप सभी टैक्सी स्टैंड 31 मार्च तक खाली कर दें। 

 

हम सभी टैक्सी स्टैंडों की ई-टैंडरिंग करवाना चाहते हैं। जो कि हमारे साथ सरासर अन्याय है और हम लोगों के लिए यह संभव नहीं है। 

 

शर्तों के अनुसार काम होगा तो पांच साल का करार खुद-ब-खुद बढ़ता रहेगा
चंडीगढ़ टैक्सी ऑप्रेटर एसोसिएशन के मुताबिक चंडीगढ़ में 37 टैक्सी स्टैंडों की नोटिफिकेशन डी.सी. ऑफिस ने वर्ष 1991 में की थी जो चंडीगढ़ प्रशासन ने 03.04.2000 को चंडीगढ़ के टैक्सी स्टैंडों को चंडीगढ़ कार्पोरेशन को रख-रखाव के लिए हैंडओवर कर दिए थे और उसमें साफ लिखा था कि ये स्टैंड मालिक किराया और निगम की शर्तों के अनुसार अगर काम करेेंगे तो इनका पांच साल का करार खुद-ब-खुद बढ़ता रहेगा। 

 

इस पर निगम ने टैक्सी स्टैंडों को चिठ्ठी भेज कर वर्ष 2000 से लेकर 2005 तक का किराया करीब 133000 रुपए और 6000 रुपए सिक्योरिटी हमसे वसूली थी। वर्ष 2008 में कार्पोरेशन ने चंडीगढ़ में कुछ स्टैंड ड्रॉ से भी दिए थो जो पुराने और नए लोगों को मिलाकर एक साथ एग्रीमैंट 3 साल और अगले 2 साल कुल 5 साल का किया था। 

 

पहले 3 साल 5 प्रतिशत व 4 साल 10 प्रतिशत व 5 साल 5 प्रतिशत किराया बढ़ाने का करार था। जो आज 2200 रुपए किराये वाला 6500 रुपए और 4400 रुपए किराए वाला 12734 रुपए प्रतिमाह कार्पोरेशन को किराया दे रहा है। 
 


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