स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में 8वें नंबर पर पहुंचा चंडीगढ़

punjabkesari.in Monday, Nov 06, 2017 - 01:26 AM (IST)

चंडीगढ़, (राय):  नगर निगम ने पिछली बार स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछडऩे के बाद इस बार फीडबैक सिस्टम में खुद ही अधिक अंक हासिल करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो छुट्टी वाले दिन भी स्वच्छता ऐप्प पर खुद ही फीडबैक दे रहे हैं, जिसके चलते चंडीगढ़ फीडबैक रैंकिंग में 10वें नंबर पर पहुंच गया है। चंडीगढ़ इस समय स्वच्छ सर्वेक्षण फीडबैक रैंकिंग में कुल 20210.80 रैंकिंग के साथ 8वें नंबर पर चल रहा है। जब निगम कमिश्नर जितेंद्र यादव ने कमिश्नर का पदभार संभाला था, तो शहर 39वें स्थान पर था।

इसके बाद ही लोगों को जागरूक करना शुरू किया गया कि वे अपने मोबाइल पर स्वच्छता ऐप्प डाऊनलोड करें और समस्याएं दर्ज करवाने के साथ ही उस पर फीडबैक भी दें। यहां तक कि शनिवार सुबह तक निगम 28वें स्थान पर चल रहा था। निगम कमिश्नर ने इस दौरान निर्देश दिए थे कि छुट्टी वाले दिन कर्मचारी खुद ही अपने-अपने एरिया में समस्याओं की फोटो क्लिक करके ऐप्प पर डालेंगे और उन्हें हल करने के बाद फीडबैक भी देंगे।

इसके लिए शनिवार व रविवार दो दिन तय किए गए हैं। हर सप्ताह ही दो दिन कर्मचारी अपने-अपने एरिया का फीडबैक देंगे। मंदसौर ने 143024.40 अंक के साथ पहले, नीमच 104016.80 अंक के साथ दूसरे और कानपुर ने 72188.70 अंक के साथ तीसरे स्थान पर जगह बनाई हुई है।

पहला स्थान पाने के लिए चाहिए 25 हजार रजिस्ट्रेशन

निगम को शहर में पहला स्थान हासिल करने के लिए कुल 25 हजार रजिस्ट्रेशन चाहिए। अब तक कुल 7295 लोग मोबाइल पर यह ऐप्प डाऊनलोड कर चुके हैं। शनिवार को ही करीब 2150 लोगों को ये ऐप्प डाऊनलोड करवाई गई। इसके लिए निगम कार्यालय व कालेज में भी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। रविवार को भी निगम का ये प्रयास जारी रहा। नगर निगम में 9 मनोनीत को मिलाकर 35 पार्षद है। इनमें से आधे पार्षदों के मोबाइल पर स्वच्छता ऐप्प ही नहीं थी। जिसके बाद निगम कमिश्नर जितेंद्र यादव ने खुद ही सभी पार्षदों के मोबाइल पर ये ऐप्प डाऊनलोड करवाई।

पिछली बार स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ कर चंडीगढ़ 11वें स्थान पर पहुंच गया था, क्योंकि शहर को फीडबैक में सबसे कम अंक मिले थे। चंडीगढ़ को फीडबैक में 379 अंक मिले थे, जबकि पिछली बार पहले स्थान पर रहने वाले इंदौर को इसमें 497 अंक मिले थे। यही कारण है कि निगम फीडबैक में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहता है और इसके लिए अब कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगा दी गई है।


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