रिश्वत मामला : मिनरल वॉटर कम्पनी के निदेशक और भूजल विभाग के साइंटिस्ट की जमानत याचिका खारिज

punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2017 - 07:24 PM (IST)

चंडीगढ़, (संदीप कुमार): मिनरल वाटर कम्पनी को एन.ओ.सी. जारी करने की एवज में डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोपी भूजल विभाग के साइंटिस्ट संजय और रिश्वत देने के आरोपी निजी कंपनी के डायरैक्टर स्वराज की जमानत याचिका सी.बी.आई. कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी। दोनों की जमानत याचिका पर सी.बी.आई. की ओर से अदालत में दायर जवाब में दोनों को जमानत देने का विरोध किया गया था।

बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि, उन्हें केस में झूठा फंसाया गया है। सी.बी.आई. को उनके पास से रिश्वत के पैसे भी नहीं मिले हैं। साथ ही उसका कहना है कि आरोपी दस्तावेज को आगे भेजने और एन.ओ.सी. देने का अधिकार ही नहीं रखता तो ऐसे में एन.ओ.सी. के लिए रिश्वत लेने का मतलब ही नहीं होता।

उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज किया गया है। संजय ने अदालत में अपनी बेटी की शादी होने की दलील देते हुए जमानत देने की अपील करते हुए बेटी की शादी का कार्ड भी कोर्ट में दिखाया गया। वहीं निजी कंपनी के डायरैक्टर स्वराज की ओर से उनके वकील ने दलील दी कि, उसे केस में झूठा फंसाया गया है। उसके खिलाफ मामले में कोई केस नहीं बनता है। सी.बी.आई. ने उसे रंगेहाथ गिरफ्तार नहीं किया है, उसके पास से कुछ ऐसा रिकवर भी नहीं हुआ है।

उसका कहना था कि कंपनी ने एन.ओ.सी. के लिए एक कंसल्टैंट कंपनी को हायर किया था। उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि कंपनी एन.ओ.सी. कैसे दिलाएगी। सी.बी.आई. की ओर से सरकारी वकील ने दोनों की जमानत याचिका का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि संजय को रिश्वत की रकम लेते रंगेहाथ पकड़ा गया है। उसके घर से 4.5 लाख रुपए कैश भी बरामद हुए थे।

गौरतलब है की सी.बी.आई. ने 10 अक्तूबर को डेढ़ लाख रुपये रिश्वत लेते हुए भूजल विभाग के साइंटिस्ट बी संजय और इमटेक के टैक्नीशियन चंद्र प्रकाश को गिरफ्तार किया था।


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