युवाओं में डाइबिटीज संबंधी रोगों के लिए दावों में हुई 28 प्रतिशत की वृद्धि

punjabkesari.in Sunday, Nov 19, 2017 - 11:25 PM (IST)

चंडीगढ़, (पराशर): विश्व डाइबिटीज दिवस के अवसर पर एस.बी.आई. जनरल इंश्योरैंस ने वित्त वर्ष 15-16 और 16-17 तथा वित्त वर्ष 17-18 की पहली छमाही के दावा संबंधी आंकड़ों के अध्ययन के नतीजों का खुलासा किया है, जिनसे पता चलता है कि विगत तीन वर्षों में डाइबिटीज और इससे जुड़ी बीमारियों पर 35 वर्ष से कम आयु वर्ग के दावों में लगभग 57 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

 चिंताजनक बात यह है कि डाइबिटीज से संबंधित बीमारियों के विरुद्ध दावों की कुल संख्या में रक्तप्रवाही (सर्कुलेटरी) तंत्र की बीमारियों के दावों का अनुपात 18.90 प्रतिशत है। इसके पहले विश्व हृदय दिवस के अवसर पर एस.बी.आई. जनरल द्वारा दावा के आंकड़ों के अध्ययन में वर्ष 15-16 से 16-17 तक आधुनिक युवा वर्ग द्वारा हृदयधमनी रोगों के लिए किए गए दावों की संख्या में 40 प्रतिशत बढ़ौतरी देखी गई थी। इस 40 प्रतिशत में से 5 प्रतिशत का संबंध डाइबिटीज के लिए किए गए दावों से था।

 सुकेश भावे, डेप्यूटी वाइस प्रैसीडैंट - एक्सीडैंट एंड हैल्थ क्लेम्स, एस.बी.आई. जनरल इंश्योरैंस ने कहा, एस.बी.आई. जनरल इंश्योरैंस समाज में स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बारे में लोगों को सदैव जागरूक करता रहता है। आमतौर पर यह मान लिया जाता है कि यह रोग बुजुर्गों को होता है और इस कारण से युवाओं में इसकी पहचान नहीं हो पाती है।

दुर्भाग्य से, आधुनिक युवा पीढ़ी में तनाव और शिथिल जीवन शैली होने के कारण वे डाइबिटीज और फिर इससे संबंधित जटिलताओं का शिकार हो रहे हैं। हमारे आंकड़े बताते हैं कि यह रोग केवल मैट्रो शहरों तक सीमित नहीं रह गया है। अब द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहरों में भी इसका प्रकोप बढ़ रहा है, जहां इसकी घटना मैट्रो शहरों से भी अधिक हो रही है।


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