Accident: अब जल्द मिलेगा मुआवजा, कोर्ट के फैसले का नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार

punjabkesari.in Monday, Apr 24, 2017 - 05:19 PM (IST)

नई दिल्लीः एक्‍सीडेंट में अगर पीड़ित की मौत हो जाती है या वह घायल हो जाता है तो अब ऐसे मामलों में मुआवजा लेना आसान होगा। पीड़ित पक्ष और इन्‍श्‍योरेंस कंपनी आपस में मामला सेटल कर सकते हैं। इससे पीड़ित पक्ष को जल्‍द ही मुआवजा मिल जाएगा और उन्‍हें इसके लिए अदालत में सालों इंतजार नहीं करना होगा।

एेसे सुलझाया जा सकता है मामला
मोटर व्‍हीकल अमेंडमेंट एक्‍ट, 2016 में प्रावधान किया गया है कि एक्‍सीडेंट के मामले में मुआवजे के लिए पीड़ित और इन्‍श्‍योरेंस कंपनी आपस में बातचीत कर मामले को सेटल कर सकते हैं। इसके बाद दोनों पक्ष अदालत को इस बात की लिखित जानकारी दे सकते हैं कि मामले में समझौता किया जा चुका है। इससे एक्‍सीडेंट में पीड़ित पक्ष को जल्‍द मुआवजा मिल जाएगा साथ ही बीमा कंपनी को भी फायदा होगा। अमेंडमेंट एक्‍ट लोकसभा में पास हो चुका है लेकिन राज्‍यसभा में पास होना बाकी है।

बीमा कंपनियों को होगा फायदा
एक्‍ट में किए गए प्रावधान के तहत अब एक्‍सीडेंट के मामले में बीमा कंपनियां और पीड़ित पक्ष आपस में समझौता कर सकते हैं। "पीड़ित पक्ष अगर इस समझौते से संतुष्ट नहीं होता तो वह अदालत जा सकता है। अगर बीमा कंपनियों और पीड़ित पक्ष के बीच इस तरह से समझौते होते हैं तो इससे बीमा कंपनियों को आर्थिक तौर पर फायदा होगा।"

पहले कैसे सेटल होते थे एेसे मामले
पहले एक्‍सीडेंट के मामलों को बीमा कंपनियां कोर्ट के दखल के बिना सेटलमेंट नहीं कर सकती थीं। "अब मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में प्रावधान किया गया है कि पहले बीमा कंपनियां और पीड़ित पक्ष आपस में बातचीत कर मामले को सेटल करने की कोशिश करें। अगर मामला सेटल नहीं होता तो इसके बाद अदालत में जा सकते हैं।" इन्‍श्‍योरेंस कंपनियों को थर्ड पार्टी मोटर बीमा पॉलिसी के मामले में एक निश्चित रकम रिजर्व रखनी होती है। एक्‍सीडेंट के मामलों में मुआवजे का मामला अदालत में 5 से 10 सालों तक चलता है। ऐसे में बीमा कंप‍नी इस पैसे को कहीं निवेश भी नहीं कर सकती और उसे आर्थिक तौर पर नुकसान होता है। 


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