UIDAI ने SC में कहा, आधार व्यवस्था में हैं कई खामियां

punjabkesari.in Thursday, Mar 22, 2018 - 06:40 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के सीईओ को आधार योजना पर आज उसके समक्ष प्रेजेंटेशन देने की अनुमति दी है। प्रेजेंटेशन शुरु हो चुका है और यह UIDAI के मुख्य कार्यकारी अजय भूषण पांडेय की ओर से दिया जा रहा है।  इस दौरान UIDAI ने कोर्ट में कहा कि बायोमेट्रिक पर 100 प्रतिशत निर्भर नहीं रह सकते। आधार व्यवस्था में हैं कई खामियां।

एक नजर UIDAI के मुख्य अंशों परः

  • आधार कार्ड पहला पहचान पत्र जिसे सभी राज्यों में स्वीकार किया।
  • वोटर आईडी कार्ड में बच्चों की आईडी में परेशानी आती थी
  • राशन कार्ड का फायदा कोई कोई दूसरा भी उठा सकता था।
  • आधार कार्ड में एक 12 डिजिट का नंबर होता है जिससे व्यक्ति की पहचान होती है।
  • आधार कार्ड में फर्जीवाड़े के मौका कम है क्योंकिं इसका नंबर अगर किसी एक व्यक्ति को दे दिया गया तो वो दूसरे व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता।
  • UIDAI के CEO ने मानी बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया में खामी की बात। इसी वजह से ये नहीं कहा जा सकता है कि आधार के लिए 100% ऑथेंटिकेशन मुमकिन।


​​​​​​​नागरिकों के पास नहीं था कोई वैध पहचान पत्र
​​​​​​​अपने प्रेजेंटेशन में उन्होंने बताया कि आधार कार्ड से पहले देश के नागरिकों के पास कोई राष्ट्रीय पहचान पत्र नहीं था तो जो सभी राज्यों में स्वीकार हो जाए। इस पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के लिए चीफ जस्टिस की अदालत में दो स्क्रिन लगाए गए हैं जिसमें एक का रुख बेंच की ओर जबकि दूसरे का वकीलों की ओर रखा गया है।

10 मीटर ऊंची-4 मीटर चौड़ी दीवार के पीछे सुरक्षित है डेटा
सरकार ने कल कोर्ट को बताया कि आधार का डाटा सेंट्रल आईडेंटिटीज रिपाॅजिटरी में 10 मीटर ऊंची और 4 मीटर चौड़ी दीवार के पीछे सुरक्षित है। बता दें कि संविधान पीठ आधार और आधार को मंजूरी देने वाले कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। पीठ ने कल कहा था कि आधार योजनाओं से जुड़े कई तकनीकी मामले हैं, जैसे डेटा सुरक्षा और आधार का सत्यापन नहीं हो पाने या आधार की अनुपलब्धता के कारण कुछ लोगों को लाभ से वंचित रखना। 


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