हर किसी की जुबां पर एक ही बात, रियल एस्टेट में आएगा उछाल

punjabkesari.in Saturday, Mar 18, 2017 - 12:16 PM (IST)

जालंधरः वर्ष 2002-07 तक कैप्टन ने शहरीकरण को ऐसा बढ़ावा दिया जिससे न केवल शहरों में नई कालोनियां बसनी शुरू हो गईं बल्कि पूरे राज्य में विकास भी हुआ। जमीनों के रेट लाखों से करोड़ों तक पहुंच गए जिससे किसानों को भी ऋण से कुछ मुक्ती मिली। यह वह समय था जब मोहाली में बेतहाशा विकास हुआ और कई नए प्रोजैक्ट भी आए।

कैप्टन अमरेंद्र सिंह के दूसरी बार सी.एम. बन जाने से रियल एस्टेट में एक बार फिर उछाल आने की संभावना है। जिस भी व्यक्ति से बात करें, यही कहता है कि अब रियल एस्टेट के दिन फिरने वाले हैं। कारण यह भी है कि 2002-07 तक कैप्टन ने शहरीकरण को ऐसा बढ़ावा दिया जिससे न केवल शहरों में नई कालोनियां बसनी शुरू हो गईं बल्कि पूरे राज्य में विकास भी हुआ। जमीनों के रेट लाखों से करोड़ों तक पहुंच गए जिससे किसानों को भी ऋण से कुछ मुक्ती मिली। यह वह समय था जब मोहाली में बेतहाशा विकास हुआ और कई नए प्रोजैक्ट भी आए। 

टी.डी.आई., यूनिट टैक, जे.एल.पी.एल., एम.जी.एफ. इमार, अन्सल, जे.टी.पी.एल., वैब सिटी आदि बड़ी कंपनियों ने मोहाली में अपने प्रोजैक्ट लांच किए। कैप्टन अमरेंद्र ने मोहाली का विकास करने में अपने कार्यकाल के दौरान कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। उस समय कैप्टन कहा करते थे कि पूरे मोहाली जिला को एक शहर बनाना चाहते हैं। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने मोहाली से लेेकर बनूड़ और खरड़ तक चारों ओर नई कालोनियां बसाने की अनुमति दी। बंजर जमीन भी करोड़ों रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से बिकी। आज भी बनूड़ से खरड़ जाते समय मार्ग के दोनों ओर हाऊसिंग प्रोजैक्ट दिखाई देते हैं।


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